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नॉर्थ कोरिया और रूस के रिश्ते: युद्ध के बाद से मधुर संबंध, पुतिन और किम की आपसी यात्राएँ

नॉर्थ कोरिया और रूस के बीच के संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। विशेष रूप से यूक्रेन युद्ध के बाद, दोनों देशों के बीच एक नई रणनीतिक साझेदारी विकसित हुई है। यह संबंध न केवल राजनीतिक स्तर पर बल्कि आर्थिक और सैन्य सहयोग के क्षेत्र में भी बढ़ा है।

रिश्तों का विस्तार

  1. युद्ध के बाद की स्थिति:
    • यूक्रेन युद्ध के आरंभ होने के बाद से, रूस और नॉर्थ कोरिया के संबंधों में तेजी आई है। रूस, जिसे पश्चिमी देशों से भारी दबाव और प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है, ने नॉर्थ कोरिया की ओर रुख किया है।
  2. मुख्य यात्राएँ:
    • हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-un के साथ महत्वपूर्ण मुलाकातें की हैं। ये बैठकें दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।

सहयोग के क्षेत्र

  1. सैन्य सहायता:
    • किम जोंग-un ने पुतिन को सैन्य उपकरण और सहायता प्रदान करने की पेशकश की है। यह सहयोग न केवल रूस की सैन्य जरूरतों को पूरा कर सकता है, बल्कि नॉर्थ कोरिया को भी आर्थिक लाभ पहुंचा सकता है।
  2. आर्थिक संबंध:
    • दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध भी मजबूत हो रहे हैं। रूस नॉर्थ कोरिया को खाद्य और ऊर्जा आपूर्ति में मदद कर रहा है, जबकि किम जोंग-un ने भी रूसी व्यापारियों के लिए अपने बाजार खोलने की इच्छा जताई है।

आंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  1. पश्चिमी देशों की चिंता:
    • इस सहयोग से पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ रही है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश इस नए संबंध को रूस के लिए एक नया मोर्चा मानते हैं, जो उनके लिए खतरा साबित हो सकता है।
  2. सुरक्षा और स्थिरता:
    • विशेषज्ञों का मानना है कि नॉर्थ कोरिया और रूस के इस सहयोग का असर एशिया और यूरोप की सुरक्षा पर पड़ सकता है।

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