झारखंड की महिलाएं पेश कर रही हैं मत्स्य पालन में आत्मनिर्भरता की मिसाल, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
“गुमला जिले के बसिया प्रखंड की कई महिलाएं आज मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। पहले गृह कार्यों में लगी ये महिलाएं अब अपने आसपास के किसानों को मछली पालन करते देख प्रेरित हुईं और छोटे स्तर पर डोभा में मछली पालन शुरू किया। आज ये महिलाएं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत ग्रो आउट तालाब का निर्माण करके इस क्षेत्र में सफलता की नई कहानी लिख रही हैं।“
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिली मदद
प्रीति कुमारी, बबीता देवी और चरकी देवी ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। इन तीनों महिलाओं को मत्स्य विभाग द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया और इसके साथ ही स्पान, फीड और फिश कैचिंग नेट की सुविधा 90 प्रतिशत अनुदान पर दी गई।
ग्रो आउट तालाब का निर्माण
इन महिलाओं ने 2023-24 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ग्रो आउट तालाब का निर्माण कराया। इस परियोजना की कुल लागत 7 लाख रुपये है। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया गया, जिसमें से 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई। इसके अलावा, झारखंड सरकार ने 1.75 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता भी दी।
मछली पालन के विस्तार से रोजगार सृजन
तालाब निर्माण के साथ-साथ महिलाओं को मत्स्य बीज और आहार के लिए 4 लाख रुपये की यूनिट लागत में 2.40 लाख रुपये का अनुदान भी प्रदान किया गया। वर्तमान में, इन महिलाओं के पास 7.5 एकड़ भूमि में 12 तालाब हैं, जिनमें 50,000 अंगुलिकाओं का संचयन किया गया है।
इनकी पहल से सिसई, भरनो, कामडारा, पालकोट और गुमला प्रखंड जैसे क्षेत्रों में मत्स्य उत्पादन पहुंच रहा है, जिससे स्थानीय किसानों को बाहरी बाजारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। साथ ही, इनकी पहल से 30-35 ग्रामीणों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है और प्रत्येक लाभुक को सालाना 4-5 लाख रुपये तक की शुद्ध आय हो रही है।
गुमला जिले की इन महिलाओं की सफलता प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों और ग्रामीणों के लिए एक प्रेरणा बन गई है। उनकी कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भरता ने न केवल उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता दिलाई है, बल्कि उन्होंने अपने समुदाय को भी रोजगार और समृद्धि के अवसर प्रदान किए हैं।