अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद पहले विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की जीत, अब्दुल्ला बने जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री
अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद पहला चुनाव
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आयोजित हुए पहले विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की है। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पहला बड़ा लोकतांत्रिक आयोजन था।
अब्दुल्ला बनेंगे पहले मुख्यमंत्री
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अब्दुल्ला अब जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था, और यह चुनाव क्षेत्र में लोकतांत्रिक शासन की बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कराएंगे शपथ ग्रहण
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्र और राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
गठबंधन की जीत से बदलेगा राजनीतिक परिदृश्य
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर में एक मजबूत राजनीतिक गठबंधन के रूप में उभरते हुए चुनाव में जीत दर्ज की है। यह गठबंधन चुनाव में अपने मजबूत प्रदर्शन से क्षेत्र की राजनीति को नया आकार देने की तैयारी कर रहा है, जो शांति, विकास और जनसरोकारों के मुद्दों पर काम करेगा।
चुनाव के बाद की चुनौतियां
जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बहाल करने के साथ-साथ विकास को तेज करने की बड़ी जिम्मेदारी अब्दुल्ला और उनकी सरकार पर होगी। अनुच्छेद 370 के बाद के हालात में जनता की उम्मीदें और समस्याएं बढ़ी हैं, जिनका समाधान करना नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी।