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उज्जैन : मानकों पर खरा उतरा महाकाल मंदिर का प्रसाद, महाकाल के भक्त ने लड्डू प्रसाद की कराई थी जांच

उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रसाद की शुद्धता एक बार फिर से प्रमाणित हो चुकी है। पुणे के एक श्रद्दालु ने जब इस लड्डू की प्रामाणिकता को लेकर पूणे की फूड सैफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि फसई लेब में जांच कराई। इस लैब रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महाकाल का प्रसाद भोग पूरी तरह से शुद्ध और उपयोग योग्य है।

हाल ही में तिरूपति मंदिर के प्रसाद पर उठे कई तरह के सवालों के बाद आम श्रद्धालुओं के मन में भी प्रसाद की शुद्धता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। महाकाल मंदिर से दिया जाने वाला लड्डू प्रसाद देश विदेश तक जाता है।  पुणे की फूड सैफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जब इस लड्डू की जांच की तो यह सभी मानकों पर खरा उतरा है। 

खास बात ये है कि ये टेस्टिंग 1-2 या 3 मानकों पर नहीं बल्कि 13 स्तर पर की गई और लेबोरेट्री द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में प्रसाद को हर मानक पर खरा पाया गया। महाकाल मंदिर का लड्डू प्रसाद शुद्ध घी, क्वालिटी युक्त शकर, बेसन और रवा मिलाकर तैयार किया जाता है। इसके लिए महाकाल मंदिर को फाइव स्टार रैटिंग, सैफ भोग यूनिट का अवार्ड भी मिल चुका है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि हमारे यहां प्रसाद निर्माण से पहले खाद्य विभाग से सामग्री की जांच करवाई जाती है।

यही वजह है कि ये प्रसाद हमेशा एक सा तैयार होता है। प्रसाद निर्माण के लिए उपयोग किया जाने वाला घी भी शासन द्वारा संचालित डेयरी सांची ब्रांड का ही उपयोग में लिया जाता है। इसके अलावा मंदिर समिति अच्छी क्वॉलिटी की चना दाल खरीदकर, अपने प्रसाद निर्माण यूनिट में स्थापित चक्की में पिसवाती है। यहां काम करने वाले कर्मचारी भी साफ सफाई का पूरा ध्यान रखते हुए लड्डू प्रसाद को तैयार करते हैं।

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