एक कॉलर ने उड़ाई यूपी 112 की नींद: 312 दिनों में कर दिए 434 फर्जी कॉल, अब ढूंढ रही पुलिस
मेरठ : उत्तर प्रदेश पुलिस की इमरजेंसी सेवा यूपी 112 का काम प्रदेश के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लेकिन पिछले एक साल से एक शरारती कॉलर ने इस सेवा की नींद उड़ा दी है। पिछले 312 दिनों में इस कॉलर ने 434 बार फर्जी कॉल करके पुलिसकर्मियों को परेशान किया है। अब पुलिस इस शरारती कॉलर की तलाश में जुटी हुई है।
434 फर्जी कॉल: कैसे उड़ा यूपी पुलिस का चैन?
यह मामला तब सामने आया जब यूपी 112 की टीम ने अपनी नियमित रिपोर्ट का विश्लेषण किया। उन्हें पता चला कि एक ही मोबाइल नंबर से बार-बार कॉल आ रही हैं और इनमें से ज्यादातर कॉल फर्जी निकलीं। कॉलर हर बार नए तरीके से पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता था। कभी वह किसी गंभीर हादसे की सूचना देता, तो कभी लूट, हत्या या आग लगने की झूठी खबरें देकर पुलिस की टीम को घटनास्थल पर भेजने के लिए मजबूर करता।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया: “यह कॉलर इतनी चतुराई से कॉल करता था कि हर बार पुलिस को यह लगता कि मामला गंभीर है। लेकिन जब हमारी टीम मौके पर पहुंचती, तो पता चलता कि वहां कुछ भी नहीं हुआ था। इससे न केवल पुलिस का समय बर्बाद हुआ, बल्कि संसाधनों की भी भारी बर्बादी हुई।”
कॉलर की चालाकी और बदलता तरीका
पुलिस का कहना है कि कॉलर का मकसद केवल पुलिस को परेशान करना नहीं था, बल्कि वह अपनी शरारतों से मनोरंजन भी कर रहा था। हर बार कॉल करते समय वह अपनी आवाज बदलने की कोशिश करता था, ताकि उसे पहचानना मुश्किल हो।
- कॉलर ने कई बार अलग-अलग स्थानों से कॉल की ताकि पुलिस को उसकी सही लोकेशन का पता न चल सके।
- कॉल की भाषा और लहजा भी बदलता रहता था, जिससे यह लग सके कि कॉल अलग-अलग लोगों द्वारा की जा रही हैं।
- कॉलर ने अक्सर भीड़भाड़ वाले इलाकों या संवेदनशील स्थानों की सूचना दी, जिससे पुलिस हर बार अलर्ट हो जाती थी।
पुलिस ने की कड़ी कार्रवाई की तैयारी
यूपी पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कॉलर को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की है। इस टीम ने कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन डेटा का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है। पुलिस अब कॉलर की असली पहचान का पता लगाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा ले रही है।
एक अधिकारी ने कहा: “हमने कॉलर की सभी फर्जी कॉल्स का रिकॉर्ड निकाल लिया है। कॉल के दौरान उपयोग किए गए मोबाइल नंबर, लोकेशन ट्रेसिंग और आवाज की पहचान के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकता है कॉलर
अगर इस कॉलर को पकड़ा जाता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 182 और 505 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इन धाराओं के तहत सरकारी अधिकारी को गलत सूचना देने और समाज में भ्रम फैलाने के आरोप में कड़ी सजा हो सकती है।
फर्जी कॉल्स से असली जरूरतमंदों को हो रही है परेशानी
यूपी 112 पर आने वाली फर्जी कॉल्स की वजह से असली जरूरतमंद लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है। एक फर्जी कॉल के पीछे पुलिस के संसाधन और समय बर्बाद होते हैं, जिससे असली इमरजेंसी में जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचने में देरी हो सकती है।
पुलिस की अपील: गलत सूचना न दें
यूपी पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे यूपी 112 सेवा का दुरुपयोग न करें। यह सेवा आपकी सुरक्षा के लिए है, न कि मनोरंजन के लिए। पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर कोई व्यक्ति फर्जी कॉल करके पुलिस को गुमराह करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।