नांदेड़ हादसे में सात महिला मजदूरों की मौत, पीएम मोदी और सीएम फडणवीस ने जताया दुख, आर्थिक मदद का ऐलान
“महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में शुक्रवार को एक दुखद घटना घटी, जहां कृषि कार्य के लिए जा रही महिला मजदूरों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली एक कुएं में गिर गई। इस भयावह हादसे में सात महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य को बचा लिया गया। इस हादसे ने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया।“
दुर्घटना का विवरण: कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा नांदेड़ जिले के असेगांव गांव में तब हुआ जब 11 महिला मजदूर, जो कि हिंगोली जिले के गुंजगांव की निवासी थीं, कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली से जा रही थीं।
- ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ा और वह सीधे कुएं में जा गिरा।
- घटना सुबह के समय हुई, जब सभी महिलाएं खेतों की ओर जा रही थीं।
- घटना के बाद तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया।
- तीन महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन सात की मौत हो चुकी थी।
पीएम नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया और सहायता राशि की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए बयान में कहा गया:
“महाराष्ट्र के नांदेड़ में हुई दुर्घटना में लोगों की मृत्यु से दुःखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि:
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से
- प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपए
- घायलों को 50,000 रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जताया गहरा दुख, घोषित की 5 लाख की आर्थिक मदद
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस हादसे पर दुख जताया और राहत कार्यों की निगरानी की।
उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा:
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज सुबह नांदेड़ जिले के असेगांव में एक दुर्घटना में कुछ महिलाओं की मृत्यु हो गई, जब 11 महिला मजदूरों को ले जा रही एक ट्रैक्टर ट्रॉली एक कुएं में गिर गई। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि:
- ये महिलाएं हिंगोली जिले के गुंजगांव की निवासी थीं।
- वे खेती के कार्य के लिए निकली थीं।
- स्थानीय प्रशासन, उप-कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और राहत बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया गया।
फडणवीस ने घोषणा की कि:
- मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही:
- स्थानीय प्रशासन,
- दमकल विभाग,
- पुलिस,
- और स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें मौके पर पहुंचीं।
तीनों घायल महिलाओं को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज जारी है।
प्रशासन की ओर से जांच के आदेश भी दिए गए हैं ताकि यह पता चल सके कि ट्रैक्टर ट्रॉली में तकनीकी खराबी थी या चालक की गलती।
ग्रामीणों में शोक और आक्रोश
गांव के लोग इस हादसे से बेहद आहत और गुस्से में हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि:
- खेतों में जाने के लिए अक्सर महिलाओं को ऐसे असुरक्षित वाहनों में यात्रा करनी पड़ती है।
- प्रशासन को मजदूरों की यात्रा सुरक्षा के लिए नियमों का कड़ाई से पालन कराना चाहिए।
महिला मजदूरों की सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना महिला मजदूरों की सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट सुविधाओं की स्थिति पर सवाल खड़े करती है।
- कृषि कार्य के लिए जाने वाली महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षित यातायात सुविधा उपलब्ध नहीं होती।
- ट्रैक्टर ट्रॉली जैसे वाहनों का उपयोग आज भी ग्रामीण भारत में सामान्य है, जो कि कानूनी और सुरक्षा की दृष्टि से अनुचित है।
सरकार और प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या हो?
- ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित परिवहन के लिए वैकल्पिक साधनों की व्यवस्था की जाए।
- ट्रैक्टर ट्रॉली में लोगों की सवारी पर प्रतिबंध लगे।
- जनजागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को नियमों की जानकारी दी जाए।
- स्थानीय प्रशासन को निगरानी और कार्रवाई के अधिकार मजबूत किए जाएं।
प्रशासन और सरकार से ग्रामीणों की अपेक्षाएं
- राहत कार्यों में पारदर्शिता
- पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता राशि
- घायलों के इलाज की निगरानी
- दीर्घकालिक उपायों की योजना
- जिम्मेदार लोगों पर उचित कार्रवाई