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बांग्लादेश के कानून मंत्री बोले- शेख हसीना का प्रत्यर्पण जरूरी: भारत ने मना किया तो विरोध करेंगे; कोर्ट ने 18 नवंबर तक मोहलत दी है

बांग्लादेश के कानून मंत्री अनिसुल्ला इस्लाम ने हाल ही में बयान दिया है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना का प्रत्यर्पण आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत इस मामले में सहमति नहीं देता, तो वे इसके खिलाफ विरोध करेंगे।

अनिसुल्ला इस्लाम का यह बयान उस समय आया है जब बांग्लादेश की एक अदालत ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर सुनवाई के लिए 18 नवंबर तक की मोहलत दी है। यह मामला राजनीतिक असंतोष और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है, जिससे बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति को लेकर चिंता बढ़ गई है।

कानून मंत्री ने कहा कि शेख हसीना के खिलाफ कुछ आरोप हैं, जिनमें भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन शामिल हैं। उनके अनुसार, यदि भारत उनकी गिरफ्तारी में मदद नहीं करता, तो यह बांग्लादेश के लिए एक गंभीर मुद्दा होगा। उन्होंने कहा कि “हम अपने प्रधानमंत्री के प्रत्यर्पण के लिए उचित कदम उठाने के लिए बाध्य हैं।”

भारत ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह ज्ञात है कि भारतीय सरकार आमतौर पर अपने पड़ोसी देशों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती। इस स्थिति में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि शेख हसीना भारत के साथ एक करीबी संबंध रखती हैं और उनके शासन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आई है।

बांग्लादेश में इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। विपक्षी दलों ने इसे सत्ता के दुरुपयोग का एक और उदाहरण बताया है। कई राजनीतिक विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार के बयान बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।

बांग्लादेश की अदालत ने 18 नवंबर तक की मोहलत दी है, जिसके दौरान यह देखा जाएगा कि सरकार प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाती है। यदि इस दौरान कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक गतिविधियाँ बढ़ सकती हैं।

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