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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी रूस के कज़ान में होंगे शामिल, शी जिनपिंग के साथ संभावित द्विपक्षीय बैठक पर नजरें टिकीं

भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान में होने वाले बहुप्रतीक्षित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह सम्मेलन वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक समीकरणों के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे प्रमुख देशों के नेता एक मंच पर आएंगे।

पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठकें

विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की कई ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ संभावित अलग बैठक को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुकता है। भारत और चीन के बीच हाल के वर्षों में तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, खासकर सीमा विवाद के कारण। ऐसे में दोनों नेताओं की एक संभावित बैठक पर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह बातचीत दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग, व्यापार, निवेश, और तकनीकी आदान-प्रदान के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। रूस और यूक्रेन संघर्ष, वैश्विक आर्थिक मंदी और जलवायु परिवर्तन जैसे विषय इस बार की चर्चा में प्रमुख रूप से शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, सदस्य देशों के बीच नए व्यापार और विकास के मॉडल पर भी जोर दिया जाएगा।

मोदी-शी बैठक की संभावनाएं

हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से मोदी और शी जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठक की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह बैठक होती है, तो सीमा विवाद सहित अन्य लंबित मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत से एशियाई क्षेत्र में स्थिरता और शांति की दिशा में एक नया रास्ता खुल सकता है।

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