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ब्रिक्स समिट: मोदी-जिनपिंग को साथ लाकर दुनिया को बड़ा संदेश दे रहे पुतिन, रूसी राष्ट्रपति का प्लान खत्म करेगा अमेरिकी दबदबा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ब्रिक्स समिट के माध्यम से वैश्विक राजनीति में एक नई दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं। इस समिट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ एक मंच पर आना, एक महत्वपूर्ण संकेत है जो यह दर्शाता है कि पुतिन अमेरिकी दबदबे के खिलाफ एक नई वैश्विक व्यवस्था की स्थापना की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

पुतिन का रणनीतिक प्लान

पुतिन का उद्देश्य ब्रिक्स देशों, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, के बीच सहयोग को मजबूत करना है। वे चाहते हैं कि यह समूह वैश्विक मामलों में एक मजबूत आवाज बने और अमेरिकी नीतियों को चुनौती दे सके। पुतिन ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक ऐसा मंच तैयार किया है जो आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से सामूहिक रूप से अमेरिका के प्रभाव को सीमित कर सके।

मोदी-जिनपिंग की एकजुटता

इस समिट में मोदी और जिनपिंग का एक साथ होना, भारत-चीन संबंधों में संभावित सुधार की उम्मीद जगा रहा है। दोनों नेताओं के बीच बैठकें न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान कर सकती हैं, बल्कि यह भी संकेत दे सकती हैं कि एशिया में एक नया राजनीतिक संतुलन बन रहा है।

वैश्विक संदेश

पुतिन की इस पहल का उद्देश्य यह भी है कि वे दुनिया को एक संदेश दें कि अब वैश्विक नेतृत्व केवल पश्चिमी देशों तक सीमित नहीं है। ब्रिक्स देशों का एकजुट होना, वैश्विक स्तर पर एक नया शक्ति संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आर्थिक संभावनाएं

ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी पुतिन ने कई कदम उठाए हैं। यह समिट इन देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने और नए आर्थिक अवसरों को उत्पन्न करने में मदद कर सकता है।

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