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भारत ने रोकी ब्रिक्स में एंट्री तो रूस के आगे फिर गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, क्या जिन्ना के देश का सपना पूरा होगा

भारत ने ब्रिक्स (BRICS) समूह में पाकिस्तान की संभावित एंट्री को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है, जिसके बाद पाकिस्तान की सरकार ने एक बार फिर रूस से समर्थन मांगने की कोशिश की है। यह घटनाक्रम न केवल भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को प्रभावित करता है, बल्कि वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।

ब्रिक्स में पाकिस्तान की एंट्री का मामला

ब्रिक्स, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, एक महत्वपूर्ण आर्थिक समूह है जो विकासशील देशों के लिए एक मंच प्रदान करता है। पाकिस्तान ने हाल ही में इस समूह में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन भारत ने इसे रोकने के लिए विभिन्न उपाय किए। भारत का मानना है कि पाकिस्तान की एंट्री से समूह की सुरक्षा और स्थिरता को खतरा हो सकता है।

रूस के सामने पाकिस्तान की गिड़गिड़ाहट

पाकिस्तान की सरकार ने रूस से सहयोग मांगते हुए एक बार फिर सहायता की गुहार लगाई है। यह कदम पाकिस्तान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपनी आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की तलाश कर रहा है। रूस के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना पाकिस्तान के लिए एक रणनीतिक कदम हो सकता है, लेकिन यह प्रश्न उठता है कि क्या रूस इस बार पाकिस्तान की मदद करेगा।

जिन्ना के सपने का पूरा होना

पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का सपना हमेशा से एक मजबूत और प्रभावशाली पाकिस्तान का रहा है। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार असफलता का सामना करना पड़ रहा है। यदि रूस और अन्य सहयोगियों से समर्थन नहीं मिलता है, तो जिन्ना के सपने का पूरा होना और भी कठिन हो जाएगा।

भारत का कड़ा स्टैंड

भारत ने स्पष्ट रूप से यह संकेत दिया है कि वह पाकिस्तान की किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा जो उसके राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुँचा सकती है। इससे यह साफ होता है कि भारत अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देने में कोई समझौता नहीं करेगा।

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