मध्य प्रदेश: सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद पर अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि चयन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में अनारक्षित पदों को केवल योग्य और प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों से भरा जाएगा, भले ही वे किसी भी वर्ग से हों।
क्या था मामला?
यह विवाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया को लेकर था। कई बार यह देखा गया कि अनारक्षित पद भी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से भरे जा रहे थे, जिससे अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अवसर नहीं मिल पा रहा था। इस मुद्दे को लेकर मामला हाई कोर्ट में पहुंचा।
अदालत का निर्देश
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अनारक्षित पदों पर चयन पूरी तरह से मेरिट के आधार पर किया जाएगा। इस फैसले के तहत किसी भी वर्ग के प्रतिभाशाली अभ्यर्थी इन पदों के लिए पात्र होंगे। अदालत ने यह भी कहा कि आरक्षित वर्ग के लिए तय पदों पर ही आरक्षण लागू होगा।
फैसले का महत्व
यह फैसला सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अदालत के निर्देश से यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक अभ्यर्थी को उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी पाने का अवसर मिले।
प्रतिक्रियाएँ
इस फैसले पर विभिन्न वर्गों से मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कई लोगों ने इसे न्यायसंगत बताया है, जबकि कुछ ने आरक्षण की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का यह फैसला सरकारी भर्ती प्रक्रिया में सुधार और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब यह देखना होगा कि इस फैसले को लागू करने में प्रशासन कितनी तत्परता और पारदर्शिता दिखाता है।