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सुप्रीम कोर्ट में हंसी के ठहाके: CJI चंद्रचूड़ और जस्टिस रॉय के बीच तारीफ और शिकायतों का मजेदार आदान-प्रदान

सुप्रीम कोर्ट में कई बार गंभीर मामलों की सुनवाई के दौरान भी जजों के बीच हल्के-फुल्के मजाक और हंसी-मजाक का माहौल देखने को मिलता है। हाल ही में ऐसा ही दिलचस्प नजारा तब देखने को मिला जब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत रॉय ने एक दूसरे पर मजेदार टिप्पणियाँ कीं। कोर्ट रूम में जजों के बीच इस तरह का हंसी-मजाक और आत्मीय संवाद न सिर्फ माहौल को हल्का बनाता है, बल्कि जजों के बीच आपसी सम्मान और समझदारी को भी दर्शाता है।

1. तारीफ भी, शिकायत भी
सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने जस्टिस रॉय की तारीफ करते हुए कुछ मजाकिया टिप्पणियाँ कीं। जस्टिस रॉय ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और हल्के फुहारों के साथ अपनी शिकायतें भी साझा कीं। जस्टिस रॉय ने अपने अंदाज में कहा कि चीफ जस्टिस को देखकर उनकी काम करने की रफ्तार में इजाफा हुआ है, लेकिन कभी-कभी उन्हें लगता है कि CJI उनसे बहुत अधिक उम्मीद रखते हैं। इस पर कोर्ट में मौजूद सभी लोग मुस्कुराने लगे और माहौल में हंसी की लहर दौड़ गई।

2. CJI का जवाब और जजों के बीच आत्मीयता
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी मजाकिया लहजे में जवाब देते हुए कहा कि वह जस्टिस रॉय की क्षमताओं की सराहना करते हैं और जानते हैं कि वे हर चुनौती को बखूबी संभाल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक न्यायाधीश के रूप में जस्टिस रॉय की मेहनत और अनुशासन सराहनीय है। CJI ने अपनी बात को समाप्त करते हुए हंसते हुए कहा कि शायद उनकी उम्मीदें कभी-कभी बहुत अधिक हो जाती हैं, लेकिन इसका कारण सिर्फ जस्टिस रॉय के प्रति उनका विश्वास है।

3. कोर्ट रूम में हंसी और सकारात्मक माहौल
यह दिलचस्प संवाद सुनकर कोर्ट रूम में उपस्थित वकील और अन्य लोग मुस्कुरा उठे। सुप्रीम कोर्ट जैसे गंभीर संस्थान में, जहां ज्यादातर मामलों में तनावपूर्ण माहौल बना रहता है, ऐसे पलों में जजों के बीच की आत्मीयता और आपसी समझदारी को देखकर सभी को एक ताजगी का एहसास हुआ।

4. न्यायपालिका में कार्य संस्कृति और परस्पर सम्मान
यह छोटा-सा मजाकिया संवाद दर्शाता है कि न्यायपालिका में, जहां जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है, वहां भी जजों के बीच आत्मीयता और सहजता है। जजों का एक-दूसरे के प्रति इस तरह का सम्मान और सौहार्द्रता न्यायपालिका के मजबूत बंधन को दर्शाता है।

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