भारत-चीन विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक: सीमा विवाद और आपसी सहयोग पर हुई अहम चर्चा
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और आपसी संबंधों को लेकर विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक बीजिंग में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने “विवादित सीमा क्षेत्रों” सहित द्विपक्षीय संबंधों के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
बैठक का मुख्य उद्देश्य वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बहाल करना और दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करना था। भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जबकि चीन की ओर से वरिष्ठ राजनयिकों ने बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज की।
सीमा विवाद पर चर्चा
बैठक में सीमा क्षेत्रों में स्थिरता और शांति बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया। दोनों पक्षों ने विवादित क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियों को कम करने और संवाद प्रक्रिया को तेज करने पर सहमति जताई। भारत ने साफ तौर पर कहा कि “LAC पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों के विकास का आधार है।”
आपसी सहयोग के अन्य आयाम
सीमा विवाद के अलावा बैठक में दोनों देशों के बीच अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा हुई, जिसमें शामिल हैं:
- व्यापारिक संबंधों का विस्तार
- संस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना
- व्यापक क्षेत्रीय विकास में संयुक्त प्रयास
दोनों पक्षों ने व्यापार संतुलन को सुधारने और आपसी निवेश को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की।
शांति बहाली पर प्रतिबद्धता
भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर संवाद जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश “आर्थिक और रणनीतिक सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”