Crime

26/11 मुंबई हमला: जब 59 घंटों तक दहली थी देश की आर्थिक राजधानी

“26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले ने न केवल भारत की आर्थिक राजधानी, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। 59 घंटे तक चला यह आतंकी हमला भारतीय इतिहास के सबसे भयावह हमलों में से एक था।”

हमले का खौफनाक विवरण
10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे और अलग-अलग जगहों पर हमला किया। ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी), नरीमन हाउस और कामा हॉस्पिटल को निशाना बनाया गया। इन स्थानों पर अंधाधुंध फायरिंग और विस्फोटों से पूरा शहर थर्रा उठा।

मासूमों की जानें गईं
हमले में 166 लोगों की जान चली गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए। इनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे। ताज होटल और नरीमन हाउस पर बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाने के लिए एनएसजी कमांडो को तैनात किया गया।

59 घंटे का संघर्ष
हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों से निपटने के लिए 59 घंटे लंबा ऑपरेशन चलाया। एनएसजी कमांडो, मुंबई पुलिस और सेना के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकवादियों का मुकाबला किया और आखिरकार उन्हें मार गिराया।

अजमल कसाब की गिरफ्तारी
हमले के दौरान एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का नाम उजागर किया। कसाब को 2012 में फांसी दी गई।

सुरक्षा पर सबक
26/11 ने भारत की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का सबक दिया। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और अन्य एजेंसियों को बेहतर उपकरणों और प्रशिक्षण से लैस किया गया। समुद्री सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई। 26/11 का मुंबई हमला भारतीय इतिहास का एक ऐसा काला अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह घटना हमें न केवल सतर्क रहने की याद दिलाती है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट रहने का संदेश भी देती है। 16 साल बाद भी यह हमला हर भारतीय के दिल में एक गहरा घाव छोड़ गया है, लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा के प्रति हमारी जागरूकता को भी बढ़ाया है।

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