आईसीएआर ने कृषि वैज्ञानिकों की नियुक्तियों पर अनियमितताओं के आरोपों को बताया निराधार
“भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कृषि वैज्ञानिकों की नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह निराधार और भ्रामक बताया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इस विषय पर एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि आईसीएआर में नियुक्तियों को लेकर लगाए गए आरोप तथ्यों से परे हैं।”
आईसीएआर ने अपने प्रेस नोट में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि वैज्ञानिकों की नियुक्तियों में अनियमितताएं हुई हैं और इसकी जांच की मांग की गई। आईसीएआर ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताते हुए कहा कि यह प्रयास संगठन की छवि को धूमिल करने की साजिश है।
आईसीएआर ने स्पष्ट रूप से कहा कि नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियमों के अनुसार होती है। संगठन ने ऐसे आरोपों पर गहरी आपत्ति जताई जो तथ्यात्मक रूप से गलत और अत्यधिक भ्रामक हैं।
आईसीएआर ने उन लोगों से सार्वजनिक माफी की मांग की है जिन्होंने गलत जानकारी फैलाकर संगठन की साख पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कुछ निजी स्वार्थ रखने वाले तत्व जानबूझकर परिषद की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का कहना है कि वैज्ञानिकों की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सर्वोपरि है। हर स्तर पर नियमों और दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाता है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि वैज्ञानिकों की नियुक्तियों को लेकर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। संगठन ने स्पष्ट किया है कि यह आरोप न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत हैं बल्कि आईसीएआर की छवि खराब करने का प्रयास हैं। पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ काम करने वाले इस संगठन के लिए ऐसे निराधार आरोपों को खारिज करना आवश्यक था।