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गुजरात में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर अमित शाह की समीक्षा बैठक

“केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की। इस दौरान पुलिस, जेल, अदालत, अभियोजन और फॉरेंसिक से जुड़े प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की गई।”

बैठक में गुजरात के गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP), राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के महानिदेशक और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


🔍 अहम बिंदु: गुजरात में नए आपराधिक कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन

1️⃣ तीन साल में FIR से सुप्रीम कोर्ट तक न्याय का प्रावधान

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी मामले में FIR दर्ज होने से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय की प्रक्रिया अधिकतम तीन वर्षों में पूरी हो। उन्होंने गुजरात सरकार के प्रयासों की सराहना की और राज्य को 30 अप्रैल 2025 तक सभी कमिश्नरेट में नए कानूनों को 100% लागू करने का निर्देश दिया।

🚀 जिम्मेदारी तय की गई:
✅ मुख्यमंत्री मासिक समीक्षा करेंगे।
✅ गृह मंत्री पाक्षिक समीक्षा करेंगे।
✅ मुख्य सचिव, गृह विभाग और पुलिस महानिदेशक साप्ताहिक समीक्षा करेंगे।

2️⃣ गुजरात में Zero FIR को 100% में बदलने का सराहनीय कार्य

गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार ने ज़ीरो FIR को पूरी तरह से लागू कर दिया है, जो अन्य राज्यों के लिए एक प्रशंसनीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अब अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क (CCTNS) के माध्यम से दो राज्यों के बीच FIR ट्रांसफर करने की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही CCTNS 2.0 को अपनाने पर बल दिया गया।

10 साल से अधिक सजा वाले मामलों में गुजरात में 92% से अधिक मामलों में समय पर चार्जशीट दाखिल हो रही है।
✅ शेष मामलों में कोर्ट से अनुमति लेने की प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

3️⃣ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को अपनाने पर जोर

अमित शाह ने नए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को प्रभावी बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि—

📌 पोस्टमार्टम और मेडिकल रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्राप्त करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
📌 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा जेलों, सरकारी अस्पतालों, बैंक, फॉरेंसिक लैब और अदालतों में उपलब्ध होनी चाहिए।
📌 हर जेल में हर न्यायालय के लिए एक विशेष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग क्यूबिकल बनाया जाए।

🚀 इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड सिस्टम लागू होगा
📌 पुलिस हिरासत में पूछताछ किए जा रहे लोगों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
📌 जब्ती सूची और अदालतों में भेजे जाने वाले मामलों की रिपोर्ट ऑनलाइन होगी।
📌 पुलिस थानों में इंटरनेट स्पीड 30 mbps से अधिक करने के निर्देश दिए गए।

4️⃣ संगठित अपराध, आतंकवाद और मॉब लिंचिंग पर सख्त रुख

अमित शाह ने कहा कि नए कानूनों में संगठित अपराध, आतंकवाद और मॉब लिंचिंग जैसे मामलों में कठोर सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि—

✅ इन कानूनों का गलत उपयोग नहीं होना चाहिए
सभी पुलिस अधिकारियों को नए प्रावधानों की विशेष ट्रेनिंग दी जाए
न्याय प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो

गुजरात देश का पहला राज्य बन सकता है जो नए आपराधिक कानूनों को 100% प्रभावी रूप से लागू करेगा। अमित शाह की इस बैठक में FIR से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय दिलाने की प्रक्रिया, Zero FIR को प्रभावी बनाने, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी नई व्यवस्थाओं को मजबूत करने के निर्देश दिए गए।

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