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काशी तमिल संगमम 2025: महाकुंभ में उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का साक्षी

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को दर्शाने वाला काशी तमिल संगमम 2025 इस वर्ष प्रयागराज महाकुंभ का भी हिस्सा बनने जा रहा है। 16 फरवरी से 24 फरवरी के बीच तमिलनाडु से आए विशेष प्रतिनिधि महाकुंभ में शामिल होंगे और इस ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बनेंगे।

यह संगमम “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसका उद्देश्य काशी और तमिलनाडु के बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को पुनर्जीवित करना है

काशी तमिल संगमम 2025: इस बार क्या होगा खास?

महाकुंभ स्नान: तमिल प्रतिनिधि प्रयागराज में संगम स्नान करेंगे और इस पुण्य अवसर का अनुभव प्राप्त करेंगे।
अयोध्या राम मंदिर दर्शन: प्रतिनिधियों को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन का अवसर मिलेगा।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: प्रयागराज के अहिल्याबाई होलकर मंच में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
डिजिटल कुंभ प्रदर्शनी: प्रतिभागियों को कुंभ से जुड़ी डिजिटल प्रदर्शनी का अवलोकन करने का अवसर मिलेगा।
टेंट सिटी में स्वागत: महाकुंभ नगर के दिव्य महाकुंभ रिट्रीट टेंट सिटी में 16 फरवरी को तमिलनाडु से आए अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन होगा।
तीर्थस्थलों के दर्शन: प्रतिनिधि लेटे हनुमान जी और शंकर विमान मंडपम में दर्शन करेंगे।

युवाओं की भागीदारी होगी विशेष

इस वर्ष काशी तमिल संगमम में युवाओं की भागीदारी को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। पिछले दो संस्करणों में 4,000 लोग इस संगमम में शामिल हो चुके हैं, जबकि इस बार 1,000 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है

प्रतिभागियों को पाँच श्रेणियों में बांटा गया है:
छात्र एवं शिक्षक
किसान एवं कारीगर
पेशेवर एवं छोटे उद्यमी
महिलाएं एवं शोधकर्ता
सांस्कृतिक प्रतिनिधि

इसके अलावा, 200 तमिल छात्र विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों से वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

काशी और तमिलनाडु का ऐतिहासिक संबंध

काशी और तमिलनाडु के बीच प्राचीन काल से सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक संबंध रहे हैं। वाराणसी और तमिल सभ्यता के बीच गहरे संबंध को पुनर्जीवित करने के लिए यह संगमम एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

इस संगमम के माध्यम से दोनों राज्यों के लोगों को एक-दूसरे की संस्कृति, भाषा, परंपराओं और आध्यात्मिक धरोहरों को समझने और अनुभव करने का अवसर मिलेगा

काशी तमिल संगमम 2025 का तीसरा संस्करण उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक एकता को सुदृढ़ करेगा
महाकुंभ 2025 में तमिलनाडु से आए प्रतिनिधि पुण्य स्नान करेंगे और आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव लेंगे
प्रतिनिधियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, मंदिर दर्शन और डिजिटल प्रदर्शनी जैसी कई विशेष गतिविधियां आयोजित की जाएंगी
यह आयोजन “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को प्रोत्साहित करेगा और काशी तथा तमिल संस्कृति के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करेगा

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