गंगा में फिर लौटी डॉल्फिन की रौनक, नमामि गंगे परियोजना से दिखा बड़ा असर
“गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण के लिए चलाई जा रही नमामि गंगे परियोजना के सकारात्मक नतीजे अब नजर आने लगे हैं। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में गंगा डॉल्फिनों की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है।“
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा डॉल्फिन
रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा नदी में सबसे ज्यादा डॉल्फिन उत्तर प्रदेश में पाई गई हैं। विभिन्न राज्यों में डॉल्फिन की संख्या इस प्रकार है:
उत्तर प्रदेश – 2397
बिहार – 2220
पश्चिम बंगाल – 815
असम – 635
गंगा की सफाई से मिला जलीय जीवों को नया जीवन
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गंगा जल को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का सीधा असर नदी के जलीय जीवों पर दिख रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गंगा की सफाई और पुनर्जीवन अभियान को मजबूत किया गया है, जिससे डॉल्फिनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
नमामि गंगे परियोजना के तहत निरंतर सफाई अभियान
नमामि गंगे परियोजना के तहत:
- गंगा में गिरने वाले गंदे पानी को रोका गया।
- औद्योगिक कचरे को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए।
- जलीय जीवों के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए।
इसका सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि गंगा में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ा और जल जीवों को अनुकूल पर्यावरण मिलने लगा।
डॉल्फिन संरक्षण का महत्व
गंगा में डॉल्फिन की मौजूदगी एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है। गंगा डॉल्फिन (Gangetic Dolphin) को “राष्ट्रीय जलीय जीव” का दर्जा प्राप्त है और यह एक दुर्लभ प्रजाति मानी जाती है। इनकी बढ़ती संख्या बताती है कि नदी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
गंगा नदी में डॉल्फिनों की संख्या में वृद्धि होना सरकार के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों की सफलता का प्रमाण है। नमामि गंगे परियोजना के तहत स्वच्छता और संरक्षण के कार्यों को और तेज करने की जरूरत है, ताकि गंगा में जलीय जीवन और अधिक समृद्ध हो सके।