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भारत की अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन डॉलर की ओर, डीप-टेक इनोवेशन देगा नया आयाम

भारत तेजी से 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। इसके साथ ही देश एक बड़े तकनीकी बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जहां सॉफ्टवेयर-आधारित तकनीक से डीप-टेक इनोवेशन की ओर शिफ्ट हो रहा है। लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि भारत में तकनीकी विकास और सरकारी नीतियां इस बदलाव को गति दे रही हैं।

सरकार की नीतियां बना रही हैं भारत को टेक्नोलॉजी लीडर

थ्री वन फोर कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाएं, जैसे कि 10,000 करोड़ रुपये का ‘फंड ऑफ फंड्स’, भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) और नेशनल डीप-टेक स्टार्टअप पॉलिसी (एनडीटीएसपी), डीप-टेक इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाती हैं।

भारत सेमीकंडक्टर डिज़ाइन का हब

भारत ग्लोबल सेमीकंडक्टर डिज़ाइन स्पेस में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के लगभग 20 प्रतिशत सेमीकंडक्टर डिज़ाइन इंजीनियरों को रोजगार देता है, जिनकी संख्या लगभग 1.25 लाख है। सरकारी शोध कार्यक्रम, विश्वविद्यालय इनक्यूबेटर और कॉर्पोरेट आरएंडडी निवेश, टैलेंट को बनाए रखने और तकनीकी विकास को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

डीप-टेक सेक्टर में निवेश के बेहतरीन अवसर

रिपोर्ट के अनुसार, भारत डीप-टेक सेक्टर में निवेश के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार की नीतियों और कुशल इंजीनियरों व शोधकर्ताओं की मजबूत पाइपलाइन से यह सेक्टर आगे बढ़ रहा है। थ्री वन फोर कैपिटल के संस्थापक भागीदार प्रणव पई के अनुसार, भारत का डीप-टेक इनोवेशन वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है। हालाँकि, इस क्षेत्र में निरंतर पूंजी निवेश, इकोसिस्टम सहयोग और दीर्घकालिक दृष्टिकोण की जरूरत होगी।

2030 तक भारत में 70% नए कमर्शियल वाहन होंगे ईवी

भारत की तकनीकी प्रगति केवल सेमीकंडक्टर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) क्षेत्र में भी बड़े बदलाव हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत में 70 प्रतिशत नए कमर्शियल वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। हालाँकि, इस बदलाव के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी तकनीक में सुधार की आवश्यकता होगी।

भविष्य की ओर भारत का कदम

भारत इस समय एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है। सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), और क्लीन मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में निवेश और नवाचार देश की आर्थिक प्रगति को गति देंगे। सरकार और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयासों से भारत वैश्विक तकनीकी लीडर बनने की ओर बढ़ रहा है।

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