“बिल गेट्स ने नीति आयोग के विकसित भारत स्ट्रेटजी रूम का दौरा किया, एआई-सक्षम डेटा केंद्र का अनुभव”
“बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स ने सोमवार को नीति आयोग के विकसित भारत स्ट्रेटजी रूम (VBSR) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने देशभर के नीति निर्माताओं के लिए विकसित एडवांस एआई-सक्षम इमर्सिव सेंटर का अनुभव किया। यह केंद्र नीति-निर्माण में सटीक और डेटा-आधारित निर्णय लेने में मदद करता है।“
विकसित भारत स्ट्रेटजी रूम: तकनीक और उद्देश्य
VBSR में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे केंद्र, राज्य, जिले और ब्लॉक स्तर के अधिकारी रियल टाइम डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं और सूचित नीतिगत निर्णय ले सकते हैं। यह एक क्रांतिकारी डेटा-संचालित गवर्नेंस मॉडल है, जो नीति निर्माण को प्रभावी बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
लॉन्च: 7 मार्च, 2024 मुख्य विशेषताएँ:
- 27 इंटरएक्टिव स्क्रीन्स और टचस्क्रीन इंटरफेस
- रियल टाइम डेटा एनालिटिक्स
- मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग आधारित AI-सॉफ्टवेयर
- केंद्र, राज्य और जिला प्रशासन के लिए डायनामिक डेटा प्लेटफॉर्म
यह सेंटर विभिन्न राज्यों, क्षेत्रों और सरकारी कार्यक्रमों के आंकड़ों को एक इंटरैक्टिव माध्यम से प्रस्तुत करता है, जिससे नीति निर्माताओं को सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं दौरा
11 जुलाई, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी VBSR का दौरा किया था। उनका यह दौरा विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में इस केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सेंटर की एआई और डेटा-संचालित नीति निर्माण क्षमताओं की सराहना की और इसे भारत की डिजिटल गवर्नेंस प्रणाली के लिए मील का पत्थर बताया।
कैसे करता है यह सेंटर काम?
VBSR में नीति-निर्माताओं को प्रभावी डेटा एनालिटिक्स और विज़ुअलाइज़ेशन की सुविधा मिलती है।
🔹 डेटा विश्लेषण:
- सरकारी योजनाओं के प्रदर्शन का मूल्यांकन
- राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर नीतियों के प्रभाव का आकलन
- सामाजिक और आर्थिक संकेतकों का गहन विश्लेषण
🔹 तकनीकी क्षमताएँ:
- AI-संचालित सॉफ्टवेयर नीति निर्माताओं को जटिल डेटा का कुशलतापूर्वक विश्लेषण करने में मदद करता है।
- रियल टाइम डेटा एक्सेस नीति निर्णयों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाता है।
- ग्राफिक्स और विज़ुअलाइजेशन तकनीक के जरिए नीति प्रभावों को आसानी से समझा जा सकता है।
भारत में उभरते AI-संचालित नीति केंद्र
VBSR की सफलता को देखते हुए, भारत में कई अन्य एआई-संचालित नीति और प्रशासन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
बिहार का जेननेक्स्ट लैब: बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (BIPARD) द्वारा स्थापित GenNext Lab बेहतर प्रशासन के लिए रियल टाइम डेटा संग्रह और नीति निर्धारण पर ध्यान केंद्रित करता है। अन्य राज्यों में विस्तार: AI-सक्षम प्रशासनिक केंद्रों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, जिससे नीति-निर्माण को और अधिक प्रभावी और वैज्ञानिक आधार पर किया जा सकेगा।
AI-संचालित गवर्नेंस के लाभ
बेहतर नीतिगत निर्णय: नीति निर्माताओं को अधिक सटीक डेटा विश्लेषण मिलता है। समय की बचत: डेटा का वास्तविक समय में विश्लेषण किया जा सकता है। नीतियों का प्रभावी मूल्यांकन: सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को आसानी से मापा जा सकता है। सार्वजनिक सेवाओं में सुधार: योजनाओं का प्रभाव जमीनी स्तर तक तेजी से पहुंच सकता है। पारदर्शिता और जवाबदेही: सरकारी नीतियों की पारदर्शिता बढ़ती है और जनता को सही जानकारी मिलती है।
भविष्य की संभावनाएँ
भारत सरकार की डिजिटल इंडिया और डेटा-ड्रिवन गवर्नेंस पहल के तहत, AI-सक्षम नीति निर्माण केंद्रों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
आने वाले वर्षों में:
- सभी प्रमुख राज्यों में AI-आधारित नीति अनुसंधान और निगरानी केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
- सार्वजनिक नीति में AI और मशीन लर्निंग का अधिक उपयोग किया जाएगा।
- नीतिगत निर्णयों में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे।
बिल गेट्स का नीति आयोग के विकसित भारत स्ट्रेटजी रूम का दौरा भारत की डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में बढ़ते कदमों को दर्शाता है। AI-सक्षम नीति निर्माण और डेटा-ड्रिवन निर्णय लेने की यह पहल देश में नीतियों की प्रभावशीलता और पारदर्शिता को बढ़ाने में मदद कर रही है।