प्रधानमंत्री मोदी का सुनीता विलियम्स को भावुक पत्र: भारत की बेटी पर गर्व
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को एक भावुक पत्र लिखा है, जो करीब नौ महीने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में बिताने के बाद जल्द ही धरती पर लौटने वाली हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पत्र में उनकी साहस, समर्पण और अद्वितीय उपलब्धियों की सराहना की।“
पीएम मोदी का पत्र: गर्व और सम्मान का प्रतीक
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 1 मार्च 2024 को यह पत्र लिखा था। पत्र को अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के माध्यम से सुनीता तक पहुंचाया गया। मैसिमिनो हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे, जहां उन्होंने विशेष रूप से इस पत्र को सुनीता तक पहुंचाने का अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा:
“1.4 अरब भारतीय आपकी हिम्मत और समर्पण पर गर्व महसूस करते हैं। आप भले ही हजारों मील दूर हों, लेकिन हमारे दिलों के बेहद करीब हैं। भारत के लोग आपकी सफलता और सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।”
सुनीता विलियम्स के माता-पिता का जिक्र
प्रधानमंत्री ने पत्र में सुनीता के माता-पिता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी मां, बॉनी पंड्या, जरूर बेसब्री से उनकी वापसी का इंतजार कर रही होंगी। पीएम मोदी ने उनके दिवंगत पिता को याद करते हुए लिखा कि उनका आशीर्वाद हमेशा सुनीता के साथ रहेगा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सुनीता विलियम्स को ‘भारत की गौरवशाली बेटी’ कहा और उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया।
उनके साथ कौन लौट रहा है?
सुनीता विलियम्स के साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री बैरी विलमोर, निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव भी पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उनकी वापसी मंगलवार शाम को होने की उम्मीद है।
सुनीता विलियम्स का लंबा अंतरिक्ष प्रवास
सुनीता विलियम्स और उनके साथी 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर यान से ISS के लिए रवाना हुए थे। हालांकि, तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी में देरी हुई और वे योजना से अधिक समय तक अंतरिक्ष में रुकी रहीं।
सितंबर 2024 में, नासा ने स्टारलाइनर को बिना क्रू के पृथ्वी पर वापस भेजा ताकि ISS पर अन्य यानों के लिए जगह बनाई जा सके।
मिशन को लेकर अमेरिका में भी हलचल
इस मिशन को लेकर अमेरिका में भी राजनीतिक चर्चाएं हुईं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क से अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द बचाने की अपील की थी।
सुनीता विलियम्स: भारत के लिए गर्व का विषय
- सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं।
- वह अब तक दो बार स्पेस वॉक कर चुकी हैं और अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिता चुकी हैं।
- वह ISS पर रहने वाली चुनिंदा महिलाओं में से एक हैं।
- उनके नाना-नानी भारतीय थे, और उनका भारत से गहरा जुड़ाव है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने उनके पति माइकल विलियम्स और साथी यात्री बैरी विलमोर को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत को उनकी सफलता और योगदान पर गर्व है और सभी लोग उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह पत्र न केवल सुनीता विलियम्स के प्रति भारत के सम्मान और स्नेह को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत दुनिया भर में भारतीय मूल के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों के योगदान को मान्यता देता है।
जब सुनीता विलियम्स और उनकी टीम पृथ्वी पर लौटेगी, तो यह केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं होगी, बल्कि यह भारत और विश्व के लिए गर्व का क्षण होगा।