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भारत-चीन संबंधों पर पीएम मोदी की टिप्पणी की चीन ने सराहना की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत-चीन संबंधों पर की गई सकारात्मक टिप्पणी की चीन ने सराहना की है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ पीएम मोदी की बातचीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन भारत-चीन संबंधों पर पीएम मोदी के हालिया दृष्टिकोण को सकारात्मक रूप से देखता है।

भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में कदम

माओ निंग ने कहा कि अक्टूबर में रूस में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक से द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन मिला। इस बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास और सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

“भारत और चीन के संबंध ऐतिहासिक रूप से गहरे हैं और हम आगे भी आपसी समझ को बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।” – माओ निंग

2,000 वर्षों से मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान की परंपरा

माओ निंग ने भारत और चीन के ऐतिहासिक संबंधों पर जोर देते हुए कहा:

“भारत-चीन संबंधों की मुख्य धारा सदियों से मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान और आपसी सीख की रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों ने विभिन्न स्तरों पर सहयोग को मजबूत किया है और भविष्य में इसे और अधिक गहरा करने की आवश्यकता है।

भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का महत्व

चीन की प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और संवाद को और अधिक मजबूत किया जा सकता है।

“चीन भारत के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।” – माओ निंग

भारत-चीन संबंधों में हालिया बदलाव और भविष्य की संभावनाएं

भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक संकेत

  • रूस में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बैठक से संबंधों में सुधार के संकेत।
  • भारत-चीन के बीच व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने की योजनाएं।
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए आपसी संवाद का प्रयास।

भविष्य में भारत-चीन सहयोग के संभावित क्षेत्र

व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना, सीमा विवादों को सुलझाने के लिए संवाद बढ़ाना।, वैश्विक मंचों पर आपसी सहयोग को बढ़ावा देना। , राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का उपयोग आपसी समझ बढ़ाने के लिए करना।

भारत-चीन संबंधों को लेकर भारत का दृष्टिकोण

भारत का हमेशा से यह मानना रहा है कि चीन के साथ संबंधों को संतुलित और सौहार्दपूर्ण बनाए रखना महत्वपूर्ण है। भारत संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा, लेकिन कूटनीतिक संवाद और आर्थिक सहयोग को प्राथमिकता देगा।

प्रधानमंत्री मोदी की हालिया टिप्पणी और चीन की सकारात्मक प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि दोनों देश अपने आपसी संबंधों को सुधारने और नए अवसरों की तलाश में हैं।

भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए नई उम्मीदें नजर आ रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी की सकारात्मक टिप्पणी और चीन की सराहना इस बात का संकेत देती है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खुल सकते हैं।

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