खरीफ 2025: किसानों को उर्वरक पर मिलेगी बड़ी राहत, सरकार देगी 37,216 करोड़ की सब्सिडी
“ देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने खरीफ फसलों 2025 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैशिक (P&K) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) दरों को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए ₹37,216.15 करोड़ की सब्सिडी देगी।“
यह सब्सिडी राशि रबी 2024-25 की तुलना में ₹13,000 करोड़ अधिक है, जो यह दर्शाता है कि सरकार कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है।
किसानों के लिए राहत का उपाय
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में खेती की लागत बढ़ती जा रही है। उर्वरक इसकी सबसे बड़ी लागत में से एक है। ऐसे में सरकार द्वारा दी जाने वाली यह सब्सिडी सीधे तौर पर किसानों के हित में है। इससे उन्हें DAP, MOP और NPKS जैसे उर्वरक कम कीमतों पर मिलेंगे।
सरकार का यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वैश्विक बाजार में कच्चे माल और उर्वरकों की कीमतों में अस्थिरता देखी जा रही है। ऐसे में यह निर्णय किसानों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों के प्रभाव से सुरक्षित रखेगा।
NBS योजना क्या है?
Nutrient Based Subsidy (NBS) योजना भारत सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2010 से लागू की गई थी। इसके तहत सरकार उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी देती है, ताकि वे किसानों को कम कीमत पर उर्वरक बेच सकें।
NBS योजना के तहत 28 प्रकार के P&K उर्वरकों को कवर किया जाता है, जैसे:
- डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP)
- म्यूरिएट ऑफ पोटाश (MOP)
- नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटाश-सल्फर (NPKS)
इस योजना का उद्देश्य है:
- किसानों को सस्ते उर्वरक उपलब्ध कराना
- खेती की लागत को कम करना
- देश में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना
सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) पर फ्रेट सब्सिडी भी मंजूर
कैबिनेट ने इस बैठक में सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) पर दी जाने वाली फ्रेट सब्सिडी को भी खरीफ 2025 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा क्योंकि इससे SSP की ढुलाई लागत घटेगी, और यह उर्वरक सस्ती दरों पर उपलब्ध होगा।
SSP भारत में फास्फोरस आधारित उर्वरकों में सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला उत्पाद है, खासकर छोटे और मध्यम किसानों के लिए। यह निर्णय समावेशी कृषि विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
खेती की लागत में होगी कमी
सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य है किसानों की खेती पर आने वाली लागत को घटाना। सब्सिडी के माध्यम से:
- किसानों को DAP जैसी महंगी खाद सस्ती कीमत पर मिलेगी।
- फ्रेट सब्सिडी से दूरदराज़ इलाकों में भी खाद की आपूर्ति सुचारू रहेगी।
- किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से राहत मिलेगी।
इससे उत्पादन लागत घटेगी, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा।
बजट और सब्सिडी में बढ़ोत्तरी
खरीफ 2025 के लिए तय की गई ₹37,216.15 करोड़ की सब्सिडी रबी 2024-25 की तुलना में लगभग ₹13,000 करोड़ अधिक है। यह संकेत करता है कि सरकार खरीफ सीजन को विशेष महत्व दे रही है, क्योंकि इस दौरान चावल, बाजरा, मक्का, सोयाबीन जैसी महत्वपूर्ण फसलें बोई जाती हैं।
खाद्य सुरक्षा को मिलेगा बल
उर्वरक की लागत में राहत से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि इससे देश की खाद्य सुरक्षा को भी मज़बूती मिलेगी। जब किसानों को किफायती दरों पर खाद मिलेगा तो:
- वे ज्यादा जमीन पर खेती कर सकेंगे।
- उपज बढ़ेगी, जिससे बाजार में खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- देश की आर्थिक स्थिति और ग्रामीण विकास को बल मिलेगा।
सरकार का दीर्घकालिक दृष्टिकोण
सरकार का यह फैसला केवल मौजूदा स्थिति को संभालने के लिए नहीं है, बल्कि यह कृषि क्षेत्र के दीर्घकालिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके ज़रिए सरकार:
- किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही है।
- रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
- स्थायी और स्मार्ट खेती को प्रोत्साहित कर रही है।
खरीफ 2025 के लिए केंद्र सरकार द्वारा ₹37,216.15 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी किसानों के लिए एक समय पर और प्रभावी राहत पैकेज है। इससे न केवल खेती की लागत कम होगी, बल्कि उत्पादन बढ़ेगा और किसान आर्थिक रूप से सशक्त होंगे।
सरकार द्वारा NBS योजना और SSP फ्रेट सब्सिडी को जारी रखने का निर्णय इस बात का प्रमाण है कि सरकार किसानों की आवश्यकताओं और चुनौतियों को गंभीरता से समझती है और उन्हें हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।