भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करने पर विशेष बैठक, व्यापार और विकास पर जोर
“विशेष भारतीय दूत आनंद प्रकाश ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य भारत और अफगानिस्तान के बीच राजनीतिक संबंधों को मजबूती देना, व्यापार और यातायात सहयोग बढ़ाना तथा क्षेत्रीय विकास पर विचार करना था।“
बैठक का मुख्य एजेंडा: व्यापार और विकास
अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह बैठक मुख्य रूप से आर्थिक और कूटनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर केंद्रित रही। विदेश मंत्री मुत्ताकी ने अफगानिस्तान में निवेश के अनुकूल वातावरण का उल्लेख करते हुए भारतीय निवेशकों को अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
अफगानिस्तान में निवेश के अवसर
मुत्ताकी ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान में विभिन्न क्षेत्रों में विकास की संभावना है, जहां भारत अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों से बड़ा योगदान कर सकता है। उन्होंने विशेष रूप से बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला।
वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग
आर्थिक सहयोग के साथ-साथ, विदेश मंत्री मुत्ताकी ने जनसेवा संबंधों को सुधारने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने व्यापारियों, मरीजों और छात्रों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने की जरूरत बताई। मुत्ताकी के अनुसार, इससे दोनों देशों के बीच विश्वास और पारस्परिक संबंध और भी मजबूत होंगे।
भारत की प्रतिबद्धता पर जोर
विशेष दूत आनंद प्रकाश ने अफगानिस्तान के साथ भारत के संबंधों को लेकर देश की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर है और अवरुद्ध विकास परियोजनाओं को पुनः प्रारंभ करने की इच्छा रखता है। उन्होंने अफगानिस्तान के विकास में भारत की निरंतर सहायता का भी उल्लेख किया।
क्षेत्रीय शांति के लिए अफगानिस्तान का समर्थन
बैठक के दौरान अफगानिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। अफगान प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद जैसी घटनाएं क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रयासों को नुकसान पहुंचाती हैं। उन्होंने भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के अपने समर्थन को दोहराया।
आगे की राह: सहयोग के नए अवसर
यह बैठक भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। दोनों देशों ने राजनीतिक, आर्थिक और जनसेवा क्षेत्रों में आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का संकल्प लिया है। भविष्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत ढांचे और व्यापार क्षेत्र में कई नई साझेदारियां देखी जा सकती हैं।