पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी, भारत ने दिया करारा जवाब
“हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर से सटी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान द्वारा बार-बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया जा रहा है। 28-29 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर कुपवाड़ा, बारामुला और अखनूर सेक्टर में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की। भारतीय सेना ने इस हरकत का संतुलित और असरदार जवाब दिया।“
नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी गोलीबारी का सिलसिला जारी
पिछले पांच दिनों से नियंत्रण रेखा के अलग-अलग सेक्टरों में लगातार गोलीबारी हो रही है। 27-28 अप्रैल की रात को भी ऐसी ही घटनाएं हुई थीं, जब पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा और पुंछ के सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलाबारी की थी। इसके पहले 26-27 अप्रैल की रात को तुत मारी गली और रामपुर सेक्टर को निशाना बनाया गया था। इन घटनाओं से साफ है कि पाकिस्तान बार-बार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है।
भारत का जवाब: संतुलित लेकिन सख्त कार्रवाई
हर बार भारत ने संयम और रणनीति से पाकिस्तान की गोलीबारी का माकूल जवाब दिया है। भारतीय सेना ने यह स्पष्ट किया है कि देश की सीमाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी उकसावे का उत्तर उपयुक्त रूप से दिया जाएगा।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति से पाकिस्तान परेशान
भारत की आतंकवाद के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सीमाओं पर गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। भारतीय सेनाओं की आक्रामक कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती स्वीकार्यता से पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है।
राफेल मरीन फाइटर जेट डील: पाकिस्तान की बेचैनी का कारण
भारत और फ्रांस के बीच हाल ही में हुए राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के सौदे ने पाकिस्तान की चिंता और बढ़ा दी है। 63,000 करोड़ रुपए की यह डील ऐसे समय में हुई है जब भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस डील के अंतर्गत फ्रांस भारतीय नौसेना को 26 राफेल मरीन जेट्स प्रदान करेगा, जिनमें 22 सिंगल सीटर और 4 ट्विन सीटर ट्रेनर जेट्स शामिल हैं।
भारतीय नौसेना की ताकत में होगा इजाफा
राफेल मरीन जेट्स को भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा। ये जेट्स समुद्री स्थितियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं और इनकी तैनाती से भारत की समुद्री सीमाएं और अधिक सुरक्षित होंगी।
रणनीतिक संतुलन की ओर भारत का कदम
पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाई और भारत की रक्षात्मक तैयारियों के बीच यह साफ है कि भारत अब केवल जवाब देने तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि अपनी रणनीतिक स्थिति को और मजबूत कर रहा है। राफेल डील, सीमाई इलाकों में सख्ती और आतंकी गतिविधियों पर लगातार कार्रवाई इसके प्रमुख उदाहरण हैं।