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राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का कहर, आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन प्रभावित

पश्चिमी विक्षोभ का असर इन दिनों राजस्थान में प्रमुखता से देखा जा रहा है। सोमवार सुबह से ही प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाओं, आंधी, बारिश और ओलावृष्टि का सिलसिला जारी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राजस्थान के अनेक हिस्सों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।

ब्यावर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद सहित कई क्षेत्रों में सोमवार की सुबह से ही तेज़ बारिश और आंधी का दौर शुरू हो गया। बारिश के साथ ठंडी हवाएं चलने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे मौसम अचानक ठंडा हो गया।

ब्यावर में सुबह से बारिश, बिजली आपूर्ति प्रभावित

राजस्थान के ब्यावर शहर और आसपास के इलाकों में सुबह से भारी बारिश हो रही है। तेज़ ठंडी हवाएं और रुक-रुक कर गिरती बारिश ने शहरवासियों को घरों में बंद रहने को मजबूर कर दिया है।

पश्चिमी विक्षोभ का असर इतना व्यापक है कि बारिश के कारण कई जगहों पर बिजली कटौती करनी पड़ी। सड़कों पर पानी भर गया और वाहन चालकों को आवागमन में कठिनाई हुई।

चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में अंधड़ और बारिश का दौर

चित्तौड़गढ़ में भी सुबह से ही आंधी, बारिश और ओलावृष्टि देखने को मिली। वहीं, राजसमंद जिले में तेज़ बारिश और आंधी के कारण सुबह के समय अंधेरा छा गया। स्कूल जाने वाले बच्चों और कार्यालय कर्मचारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

पश्चिमी विक्षोभ का असर इन इलाकों में इतने तीव्र रूप में देखने को मिला कि सड़कें जलमग्न हो गईं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी, मेघगर्जन और वज्रपात की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि सोमवार को प्रदेश के 11 जिलों में भारी बारिश, तेज आंधी और वज्रपात की संभावना है। अलर्ट के तहत संबंधित प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

जिन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है उनमें चित्तौड़गढ़, कोटा, उदयपुर, राजसमंद, अजमेर, अलवर, जयपुर, सीकर, जोधपुर, बीकानेर और चूरू शामिल हैं।

बारिश ने फसलों पर डाला प्रभाव, किसानों की चिंता बढ़ी

इस अप्रत्याशित बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। गेहूं और अन्य रबी फसलों की कटाई के समय पर आई इस बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाया है।

पश्चिमी विक्षोभ का असर कृषि पर पड़ता हुआ स्पष्ट दिख रहा है। खेतों में खड़ी फसलों के खराब होने की आशंका से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।

शादी-विवाह में लोगों को हो रही परेशानी

इस समय विवाह का सीजन चल रहा है। बारिश और आंधी के कारण खुले में होने वाले कार्यक्रमों को या तो स्थगित करना पड़ा या तंबू-कनात उड़ने की घटनाएं हुईं। कई जगहों पर दावतों में बारिश ने व्यवधान डाला।

इस तरह के असमय मौसम परिवर्तन से आम लोगों की योजनाएं प्रभावित हुई हैं, और आयोजकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

राजस्थान में तापमान की स्थिति

बारिश से मौसम में ठंडक तो आई है लेकिन कहीं-कहीं अभी भी गर्मी का प्रभाव बना हुआ है। रविवार को मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक बारिश शेरगढ़ (जोधपुर) में 63 मिमी दर्ज की गई। वहीं, राज्य के कई जिलों में हीटवेव की स्थिति बनी रही।

अधिकतम तापमान की बात करें तो चित्तौड़गढ़ में 39.7°C, बाड़मेर में 39.6°C और जैसलमेर में 39.6°C दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान चित्तौड़गढ़ में 26.6°C रहा। अन्य जिलों में भी तापमान 35-38 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया।

माउंट आबू में सबसे ठंडा मौसम

राज्य में अगर सबसे ठंडी जगह की बात करें तो माउंट आबू रहा, जहां अधिकतम तापमान 27.2°C दर्ज किया गया। यह स्थान पर्यटकों के लिए एक बेहतर विकल्प बन गया है, जहां अभी मौसम सुहावना है।

स्कूल और यातायात प्रभावित

सुबह के समय हुई आंधी और अंधड़ के कारण कई क्षेत्रों में अंधेरा छा गया। बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतें हुईं। तेज बारिश और कीचड़ के कारण स्कूली बसें समय पर नहीं पहुंच सकीं।

पश्चिमी विक्षोभ का असर यातायात पर भी देखने को मिला। जलभराव और फिसलन भरी सड़कों से वाहन चालकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

आगे क्या कहता है मौसम विभाग?

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में बताया है कि मंगलवार को भी इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है। राजस्थान के कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो सकती है और कहीं-कहीं आंधी तथा वज्रपात भी हो सकता है।

मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और मौसम की स्थिति पर ध्यान देते रहें।

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