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जेपीएससी रिजल्ट में देरी से नाराज़ छात्र: “रिजल्ट दो या फांसी दो” के नारे के साथ उग्र प्रदर्शन

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा सिविल सेवा परीक्षा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के नतीजों में हो रही देरी से नाराज़ छात्र मंगलवार को रांची स्थित आयोग कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए। छात्रों ने “रिजल्ट दो या फांसी दो” जैसे गगनभेदी नारे लगाते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया।

पिछले सात दिनों से कई छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं और उनकी हालत बिगड़ती जा रही है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से छात्र और उनके परिजन भी आंदोलन में शामिल हो गए हैं।

मुख्य परीक्षा के 10 महीने बीतने के बाद भी रिजल्ट अधर में

जेपीएससी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा जून 2024 में आयोजित हुई थी। आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने अगस्त 2024 तक परिणाम जारी करने का वादा किया था। लेकिन मई 2025 तक भी नतीजा घोषित नहीं किया गया है, जिससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है।

भूख हड़ताल पर बैठे झारखंड राज्य छात्र संघ के अध्यक्ष सत्यनारायण शुक्ला ने कहा,
“हमने मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक गुहार लगाई, लेकिन किसी के पास जवाब नहीं है कि रिजल्ट कब आएगा। अब या तो रिजल्ट दो या हम छात्रों को फांसी दे दो।”

जेपीएससी में प्रशासनिक शिथिलता और छात्रों की निराशा

जेपीएससी की 11वीं से 13वीं सिविल सेवा परीक्षाओं का विज्ञापन जनवरी 2024 में जारी हुआ था। मार्च में प्रारंभिक परीक्षा हुई, जिसके नतीजे अप्रैल में जारी कर दिए गए थे। इसके बाद जून में मुख्य परीक्षा कराई गई, लेकिन अब तक उसका परिणाम अटका हुआ है।

आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ. मेरी नीलिमा केरकेट्टा के सेवानिवृत्त होने के बाद छह महीने तक जेपीएससी अध्यक्ष का पद खाली रहा। फरवरी 2025 में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एल. खियांग्ते को अध्यक्ष नियुक्त किया गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नहीं दिखी है।

सरकार की प्रतिक्रिया और छात्रों की उम्मीदें

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि जेपीएससी एक स्वायत्त निकाय है और सरकार उसके कार्यों में सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती। उन्होंने सिर्फ इतना भरोसा दिलाया था कि जल्द रिजल्ट जारी होने की उम्मीद है। लेकिन छात्रों का धैर्य अब जवाब दे रहा है।

जेपीएससी की सुस्ती के कारण 14वीं सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन भी जारी नहीं हो पा रहा है, जिससे नए उम्मीदवारों को भी नुकसान हो रहा है।

आंदोलन क्यों हुआ उग्र?

  • लंबे समय से परिणाम रुके हुए हैं।
  • मुख्य परीक्षा के बाद नौ महीने गुजर चुके हैं।
  • नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई।
  • छात्रों का करियर अधर में लटक गया है।
  • कोई ठोस तारीख या जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।

छात्रों की मांगें

  • जेपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का रिजल्ट तुरंत जारी किया जाए।
  • अन्य लंबित परीक्षाओं जैसे सीडीपीओ, फूड सेफ्टी ऑफिसर आदि के परिणाम भी शीघ्र घोषित किए जाएं।
  • भविष्य में परिणामों में देरी न हो, इसके लिए एक समयबद्ध प्रक्रिया बनाई जाए।

जेपीएससी रिजल्ट में देरी ने झारखंड के हजारों युवाओं का भविष्य खतरे में डाल दिया है। छात्रों का आक्रोश इस बात का संकेत है कि वे अब और इंतजार नहीं करना चाहते। राज्य सरकार और जेपीएससी प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे ताकि छात्रों के सपनों को नया जीवन मिल सके और राज्य की प्रतिष्ठा भी सुरक्षित रह सके।

यदि हालात जल्दी नहीं सुधरे तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है। अब देखना यह होगा कि जेपीएससी और सरकार छात्रों की आवाज को कितनी गंभीरता से लेती है।

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