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भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का इंडोनेशिया दौरा: आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का इंडोनेशिया दौरा न केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा बल्कि इसने भारत की वैश्विक छवि को और भी मजबूती प्रदान की। जेडीयू नेता संजय कुमार झा के नेतृत्व में गए इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया के थिंक टैंकों, राजनयिकों और सरकारी अधिकारियों के साथ कई स्तरों पर संवाद किया।

बहुसांस्कृतिक इंडोनेशिया में भारत के प्रति सम्मान

इंडोनेशिया एक ऐसा देश है जहाँ बहुसांस्कृतिक समाज की भावना प्रबल है। वहां की जनसंख्या में मुस्लिम बहुलता के बावजूद, भारत के दृष्टिकोण और सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर गहरी आस्था और सम्मान देखने को मिला।
संजय कुमार झा ने इस अवसर पर कहा,

“हमने आसियान महासचिव, उप विदेश मंत्री और कई प्रमुख विचारकों से मुलाकात की। भारत के रुख को लेकर हमें सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।”

भारत का पक्ष: शांति, प्रगति और आतंकवाद विरोध

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने संवाद के दौरान यह स्पष्ट किया कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करता। भाजपा सांसद बृजलाल ने इस बात को रेखांकित किया कि:

“भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखता है। आतंकवाद से हमारे विकास को खतरा है, जिसे हमने खुलकर बताया।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर समर्थन और समझ

ऑपरेशन सिंदूर, जो हाल ही में भारत द्वारा आतंकी हमले के जवाब में संचालित किया गया था, उसकी चर्चा भी इस दौरे में हुई। संजय झा ने बताया कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने इस पर भारत का समर्थन किया और हमले की निंदा की। उन्होंने कहा:

“हमने इंडोनेशिया को बताया कि भारत की कार्रवाई आत्मरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ है। हमें यहां की सरकार से पूरा समर्थन मिला।”

भारतीय प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी: थिंक टैंक और आम नागरिकों से संवाद

भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने बताया कि:

“हमने न सिर्फ राजनेताओं से बल्कि आम नागरिकों से भी बातचीत की। सबकी एक ही राय थी – आतंकवाद का अंत होना चाहिए। भारत की नीति और शांतिपूर्ण दृष्टिकोण को सराहा गया।”

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका

भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट की कि अगर कोई देश आतंकवाद को बढ़ावा देता है तो उसे वैश्विक समुदाय से विरोध का सामना करना पड़ेगा।
अपराजिता सारंगी ने जोर देकर कहा:

“हमारा संदेश स्पष्ट है – भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करता और अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी ऐसी गतिविधियों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।”

कांग्रेस नेता की प्रतिक्रिया: इंडोनेशिया से गहरा जुड़ाव

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी इस दौरे को बेहद सफल और सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा:

“इंडोनेशिया की सामाजिक संरचना भारत से काफी मिलती-जुलती है। उन्होंने हमारी चिंताओं को न सिर्फ समझा बल्कि साझा भी किया। उन्होंने आतंकवाद की कड़ी निंदा की।”

भारत-इंडोनेशिया संबंध: मजबूत होता द्विपक्षीय सहयोग

इस दौरे से स्पष्ट हुआ कि भारत और इंडोनेशिया के संबंध केवल सांस्कृतिक नहीं, बल्कि सामरिक, आर्थिक और कूटनीतिक आधार पर भी मज़बूत हो रहे हैं। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ साझा कार्यनीति बना सकते हैं और एशिया में शांति और स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख बातें

मुद्दाचर्चा
आतंकवादआतंकवादी हमलों की निंदा और ऑपरेशन सिंदूर पर समर्थन
विकासभारत की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर चर्चा
सांस्कृतिक संबंधभारत के प्रति सम्मान और गहरे जुड़ाव
थिंक टैंक संवादनीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श
वैश्विक सहयोगआतंकवाद विरोध में अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता

भारत की छवि: एक शांतिप्रिय और विकासशील राष्ट्र

प्रतिनिधिमंडल की इस यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया कि भारत न केवल आत्मनिर्भर बनने की राह पर है, बल्कि वह वैश्विक समस्याओं जैसे आतंकवाद से भी निपटने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का इंडोनेशिया दौरा एक कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा सकता है। यह केवल विदेश नीति का हिस्सा नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक भूमिका को दर्शाने वाला प्रतीक है। यह यात्रा दिखाती है कि भारत अपनी बात मजबूती से रखता है और वैश्विक मंचों पर अपनी शांतिपूर्ण और प्रगतिशील छवि को मजबूती से पेश कर रहा है।

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