भारत में एचएनडब्ल्यूआई संपत्ति 2024 में बढ़ी, 2030 तक नए निवेश ट्रेंड उभरने की संभावना
“एचएनडब्ल्यूआई संपत्ति 2024 के आंकड़े बताते हैं कि भारत में अमीर वर्ग की संपत्ति में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
कैपजेमिनी रिसर्च इंस्टीट्यूट की वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2024 के अंत तक भारत में 3,78,810 मिलियनेर्स की कुल संपत्ति 1.5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को छू चुकी थी।“
नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई बना रहे हैं नई रणनीति
रिपोर्ट के मुताबिक, 85% भारतीय नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई अगले 1-2 वर्षों में अपने पैरेंट्स की वेल्थ मैनेजमेंट फर्म को बदलने का इरादा रखते हैं।
वहीं, वैश्विक स्तर पर यह संख्या 81% है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत में नई पीढ़ी निवेश प्रबंधन में अधिक सक्रिय और डिजिटल दृष्टिकोण की ओर बढ़ रही है।
एचएनडब्ल्यूआई संपत्ति 2024 में किस ओर बढ़ रही है प्रवृत्ति?
2024 में भारत में एचएनडब्ल्यूआई संपत्ति का विस्तार मुख्य रूप से शेयर बाजारों में मजबूती, नई तकनीकों में निवेश और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सकारात्मक धारणा के चलते हुआ है।
अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स जैसे प्राइवेट इक्विटी और क्रिप्टोकरेंसी अब एचएनडब्ल्यूआई के पोर्टफोलियो का लगभग 15% हिस्सा बन चुके हैं।
अल्ट्रा एचएनडब्ल्यूआई की बढ़ती ताकत
भारत में 2024 के अंत तक 4,290 अल्ट्रा एचएनडब्ल्यूआई (Ultra HNWI) थे। इनकी कुल संपत्ति 534.77 बिलियन डॉलर रही।
इन अत्यधिक अमीर व्यक्तियों ने नई निवेश रणनीतियों, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय संपत्ति और डिजिटल एसेट्स, में रुचि दिखाई है।
2030 तक ऑफशोर संपत्ति में उछाल की उम्मीद
रिपोर्ट में बताया गया कि 2030 तक 98% भारतीय नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई अपनी ऑफशोर संपत्तियों को 10% से अधिक बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
इस बदलाव के पीछे मुख्य कारण हैं:
- टैक्स लाभ
- वैश्विक बाजारों तक पहुंच
- विविधीकरण की आवश्यकता
डिजिटल टूल्स की कमी वेल्थ मैनेजमेंट फर्म बदलने का कारण
लगभग 41% भारतीय उत्तराधिकारियों ने बताया कि वे जिस वेल्थ मैनेजमेंट फर्म के साथ जुड़े हैं, वहां डिजिटल टूल्स की प्रभावशीलता नहीं है, इसलिए वे फर्म बदलना चाहते हैं।
यह दर्शाता है कि अब सिर्फ पारंपरिक सलाह नहीं, बल्कि डिजिटल अनुभव भी ग्राहक संतुष्टि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
ग्लोबल स्तर पर वेल्थ ट्रांसफर का निर्णायक क्षण
कैपजेमिनी के बोर्ड सदस्य कार्तिक रामकृष्णन ने इसे वेल्थ मैनेजमेंट इंडस्ट्री के लिए “निर्णायक क्षण” बताया।
उन्होंने कहा कि, “भले ही वैश्विक संपत्ति बढ़ रही है, परंतु उत्तराधिकारी फर्म बदल रहे हैं। यह वेल्थ मैनेजमेंट सेक्टर के लिए गंभीर चुनौती है।”
फर्मों को अब डिजिटल और AI-आधारित समाधान अपनाने होंगे
वर्तमान युग की बदलती मांगों के अनुसार, वेल्थ मैनेजमेंट फर्मों को:
- एजेंटिक और जनरेटिव एआई के साथ डिजिटल टूल्स अपनाने होंगे।
- ग्राहकों को वास्तविक समय सलाह देने वाले स्मार्ट इंटरफेस बनाने होंगे।
- क्लाइंट अनुभव को बेहतर बनाना प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि ग्राहक और कुशल सलाहकार न खोएं।
भारत में एचएनडब्ल्यूआई ग्रोथ का कारण क्या रहा?
- मजबूत इक्विटी बाजार – शेयर बाजारों ने मजबूत रिटर्न दिए।
- AI और तकनीकी सेक्टर में आशावाद – इससे स्टार्टअप्स और फंडिंग में बढ़त हुई।
- रियल एस्टेट और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट – नई पीढ़ी के निवेशकों ने जोखिम को समझते हुए विविधता अपनाई।
- बढ़ती डिजिटल साक्षरता – निवेशकों को अधिक जानकारी और उपकरण मिल रहे हैं।
एचएनडब्ल्यूआई ट्रेंड्स 2025 से 2030: आगे क्या उम्मीद?
- AI-ड्रिवन एडवाइजरी सिस्टम्स का प्रयोग बढ़ेगा
- सतत निवेश (ESG Investing) का चलन तेज़ होगा
- हाइब्रिड वेल्थ मैनेजमेंट मॉडल अपनाए जाएंगे
- प्राइवेट बैंकिंग सेवाओं में टेक्नोलॉजी की गहरी भूमिका होगी