Ax-4 मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला: ISRO और NASA की ऐतिहासिक साझेदारी
“भारत की अंतरिक्ष प्रगति को एक और नई ऊंचाई मिली है। Ax-4 मिशन में पहली बार एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला निजी अंतरिक्ष यान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे। यह मिशन ISRO, NASA और Axiom Space की तीन-तरफा साझेदारी का उदाहरण है, जो अंतरिक्ष में वैश्विक सहयोग के नए युग की शुरुआत करता है।“
Ax-4 मिशन क्या है?
Ax-4 मिशन Axiom Space कंपनी द्वारा संचालित एक निजी अंतरिक्ष अभियान है। यह 10 जून 2025 को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से SpaceX के Falcon 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च होगा। चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर यह मिशन ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेगा।
शुभांशु शुक्ला: पहली बार निजी मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री
शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। यह पहली बार है जब कोई ISRO-संबद्ध अंतरिक्ष यात्री निजी स्पेस मिशन में शामिल हो रहा है। इससे पहले भारत के अंतरिक्ष यात्रियों ने केवल सरकारी मिशनों में भाग लिया था।
NASA और ISRO के सहयोग की मिसाल
Ax-4 मिशन भारत और अमेरिका के बीच हुई एक विशेष अंतरिक्ष समझौता बैठक का परिणाम है। यह समझौता अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुआ था। इस मिशन से भारत-अमेरिका के अंतरिक्ष संबंधों को मजबूती मिलेगी।
चालक दल में शामिल अन्य अंतरिक्ष यात्री
Ax-4 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं:
- पेगी व्हिटसन – मिशन कमांडर और पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री
- शुभांशु शुक्ला – पायलट, ISRO
- स्लावोश उज्नान्स्की विस्नेवस्की – मिशन विशेषज्ञ, पोलैंड
- टिबोर कापू – मिशन विशेषज्ञ, हंगरी
पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्रियों की भी यह पहली अंतरिक्ष यात्रा है।
स्पेस स्टेशन पर Docking और मिशन की अवधि
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 11 जून को ISS से डॉकिंग करेगा। मिशन की अवधि करीब दो सप्ताह होगी। इस दौरान अंतरिक्ष यात्री:
- विज्ञान से जुड़े प्रयोग करेंगे
- शैक्षणिक गतिविधियां संचालित करेंगे
- वाणिज्यिक अनुसंधान को अंजाम देंगे
विज्ञान और शिक्षा में भारत की भागीदारी
इस मिशन में ISRO और NASA मिलकर पांच संयुक्त वैज्ञानिक परियोजनाओं और दो STEM कार्यक्रमों को अंजाम देंगे। इससे न केवल अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत के छात्रों को भी अंतरिक्ष विज्ञान में भागीदारी का अवसर मिलेगा।
SpaceX और Axiom Space की भूमिका
SpaceX के Falcon 9 रॉकेट और Dragon स्पेसक्राफ्ट का प्रयोग इस मिशन के प्रक्षेपण और यात्रा के लिए किया जा रहा है। Axiom Space ने मिशन की संपूर्ण योजना और क्रू ट्रेनिंग का नेतृत्व किया। इससे यह साबित होता है कि निजी कंपनियां भी अब अंतरिक्ष अभियानों में मुख्य भूमिका निभा रही हैं।
ISS की पुष्टि और सोशल मीडिया प्रचार
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) और NASA ने सोशल मीडिया पर मिशन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि लॉन्च और डॉकिंग के सटीक समय निर्धारित कर दिए गए हैं। इस मिशन की सूचना व्यापक स्तर पर शिक्षा, मीडिया और अनुसंधान संस्थानों में साझा की जा रही है।
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय
Ax-4 मिशन भारत के लिए सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, यह एक राष्ट्रीय गर्व की बात है। पहली बार कोई भारतीय पायलट एक निजी मिशन से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक जा रहा है। यह भविष्य में भारत के अपने स्पेस स्टेशन के निर्माण और मानव अंतरिक्ष उड़ानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।