भारत-कनाडा विवाद में अमेरिका बोला- भारत सहयोग नहीं कर रहा, ट्रूडो का आरोप- निज्जर की हत्या में भारतीय अफसर शामिल
भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव में अमेरिका ने अब अपनी चुप्पी तोड़ी है। अमेरिका ने कहा है कि भारत को कनाडा के साथ चल रही जांच में सहयोग करना चाहिए। यह बयान तब आया है जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय अधिकारियों का खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में हाथ हो सकता है। इस मामले को लेकर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में खटास आ गई है।
मुख्य खबर:
भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद में अमेरिका ने हस्तक्षेप करते हुए बयान दिया है कि भारत को कनाडा के साथ जांच में सहयोग करना चाहिए। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय अधिकारियों पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि वे इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं और चाहते हैं कि दोनों देश जांच में पारदर्शिता और सहयोग बनाए रखें। उन्होंने कहा कि इस तरह के गंभीर आरोपों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच जरूरी है। अमेरिका ने यह भी कहा कि वह कनाडा के दावों पर नजर बनाए हुए है और उम्मीद करता है कि भारत जांच में पूरी तरह से सहयोग करेगा।
ट्रूडो के आरोप:
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि जून 2023 में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ हो सकता है। ट्रूडो का कहना है कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि भारतीय अधिकारियों ने इस हत्या को अंजाम दिया।
निज्जर, जो कनाडा में खालिस्तान समर्थक आंदोलन का प्रमुख चेहरा थे, की जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ट्रूडो ने इस हत्या के लिए सीधे तौर पर भारतीय सरकार को जिम्मेदार ठहराया, जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया।
भारत का कड़ा जवाब:
भारत ने ट्रूडो के इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन दावों को “निराधार” और “प्रोपेगेंडा” करार दिया है। भारत का कहना है कि कनाडा खालिस्तान समर्थकों को अपनी धरती पर शरण देकर भारत की संप्रभुता को चुनौती दे रहा है, और भारतीय अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से राजनीतिक मकसद से प्रेरित हैं।
भारत ने कनाडा में बढ़ते खालिस्तानी आतंक और हिंसा को लेकर कई बार चिंता जताई है और कहा है कि कनाडा की सरकार इस मुद्दे पर कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है। इस मुद्दे के चलते दोनों देशों के बीच पहले भी तनाव देखा गया था, लेकिन इस बार यह मामला राजनयिक संबंधों में खुलकर सामने आ गया है।
अमेरिका की भूमिका:
अमेरिका इस विवाद में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि वह भारत और कनाडा दोनों के साथ करीबी संबंध रखता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने दोनों देशों को बातचीत और जांच में सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया है। अमेरिका का मानना है कि इस मामले का हल कूटनीति और निष्पक्ष जांच के जरिए ही निकाला जा सकता है।