पाकिस्तान में SCO समिट के दूसरे दिन व्यापार और अर्थव्यवस्था पर होगी बातचीत, जयशंकर भी होंगे शामिल
SCO समिट का दूसरा दिन: व्यापार और अर्थव्यवस्था पर फोकस
पाकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के दूसरे दिन व्यापार और अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर चर्चा होगी। इस सम्मेलन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करना और व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। इस बार की बैठक में खास ध्यान व्यापारिक बाधाओं को कम करने, इनवेस्टमेंट की संभावनाओं को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को डिजिटल और हरित नीतियों की ओर मोड़ने पर होगा।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की भागीदारी
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। जयशंकर की उपस्थिति से यह साफ है कि भारत इस सम्मेलन को आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी बढ़ाने के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। भारत का उद्देश्य SCO के माध्यम से क्षेत्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करना और उभरते बाजारों में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना है।
चर्चा के मुख्य विषय
समिट के दूसरे दिन, व्यापार और अर्थव्यवस्था से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिनमें प्रमुख हैं:
- व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा
SCO सदस्य देशों के बीच व्यापारिक सहयोग को बेहतर बनाने के लिए कई पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। व्यापारिक संधियों को सरल बनाने और सदस्य देशों के बीच उत्पादों के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित होगा। - इंवेस्टमेंट के अवसर
सदस्य देश एक-दूसरे के साथ व्यापार और इंवेस्टमेंट के संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। आर्थिक संबंधों को गहरा करने के लिए निवेश के नए अवसरों पर विचार किया जाएगा, जिससे सदस्य देशों के आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी। - इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और कनेक्टिविटी
सदस्य देशों के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर विशेष जोर होगा। इसमें सड़क, रेलवे, और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी, जिससे व्यापार और निवेश के मार्ग में आने वाली बाधाओं को कम किया जा सके।
भारत की प्राथमिकताएं
भारत के लिए SCO समिट में भागीदारी खास महत्व रखती है, क्योंकि भारत क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से व्यापार और निवेश में वृद्धि करना चाहता है। एस जयशंकर इस बैठक में भारत के हितों को आगे रखते हुए डिजिटल व्यापार, हरित ऊर्जा, और बुनियादी ढांचे के विकास के मुद्दों पर जोर दे सकते हैं। इसके अलावा, भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक सहयोग और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नई पहल पर भी चर्चा कर सकता है।
पाकिस्तान और अन्य सदस्य देशों की भूमिका
पाकिस्तान, जो इस बार की बैठक का मेजबान है, भी SCO के माध्यम से अपने व्यापारिक संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहा है। चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे सदस्य देश भी समिट में अपनी आर्थिक योजनाओं और नीतियों को साझा करेंगे, ताकि क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।