अमेरिका का यह राज्य तय करेगा, कौन बनेगा राष्ट्रपति! ट्रंप और कमला हैरिस खर्च कर रहे भारी धनराशि
अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और इस चुनावी दौड़ में कुछ राज्यों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। ऐसे में एक प्रमुख राज्य है जो इस बार निर्णायक भूमिका निभा सकता है। यही कारण है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (जो डेमोक्रेटिक पार्टी की संभावित उम्मीदवारों में से एक हो सकती हैं) इस राज्य में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं और पानी की तरह पैसे बहा रहे हैं।
कौन सा राज्य है निर्णायक?
अमेरिका के स्विंग स्टेट यानी ‘फ्लोरिडा’ जैसे प्रमुख राज्य चुनाव के नतीजे को तय करने में निर्णायक साबित होते हैं। स्विंग स्टेट वे राज्य होते हैं जहां कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत के साथ जीतने की स्थिति में नहीं होती। पेंसिल्वेनिया, विस्कॉन्सिन, और मिशिगन जैसे कुछ महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स भी इस बार फिर से चर्चा में हैं। इन राज्यों में पिछले कुछ चुनावों में मतदाताओं ने दोनों पार्टियों को समर्थन दिया है, जिससे यहां की वोटिंग प्रक्रिया अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
ट्रंप और कमला की रणनीति
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, जो कि डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से चुनाव में अहम भूमिका निभा सकती हैं, दोनों ही इन स्विंग स्टेट्स में जोर-शोर से प्रचार अभियान चला रहे हैं। ट्रंप और हैरिस दोनों इन राज्यों में रैलियों, विज्ञापनों और प्रचार अभियानों पर भारी खर्च कर रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों ही दलों द्वारा इन स्विंग स्टेट्स में करोड़ों डॉलर खर्च किए जा रहे हैं, ताकि मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया जा सके।
पैसे का खेल
ट्रंप और कमला हैरिस दोनों ही अपने-अपने अभियान के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि इकट्ठा कर रहे हैं और उसे मुख्य रूप से इन राज्यों में खर्च कर रहे हैं। टीवी विज्ञापनों से लेकर सोशल मीडिया कैंपेन तक, हर जगह पैसों की बाढ़ है। इसके अलावा, जमीनी स्तर पर भी मतदाताओं तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान चलाए जा रहे हैं।
चुनाव का असर
इन स्विंग स्टेट्स का चुनावी परिणाम तय करेगा कि व्हाइट हाउस की अगली कुर्सी पर कौन बैठेगा। ट्रंप अपने आधार वोटरों को फिर से आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी का विस्तार करते हुए नए मतदाताओं को जोड़ने पर जोर दे रही हैं। यह देखा जाएगा कि किसके प्रयास ज्यादा प्रभावी होते हैं और कौन स्विंग स्टेट्स की लड़ाई में बाजी मारता है।