जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डीएलएड प्रशिक्षण को किया प्रोत्साहित, शिक्षकों के विकास पर जोर
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने पर विशेष जोर दिया। यह कदम प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और शिक्षकों के पेशेवर विकास के लिए उठाया गया है।
डीएलएड प्रशिक्षण का महत्व
डीएलएड प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को शैक्षणिक दक्षता और व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है।
प्रमुख उद्देश्य:
- शिक्षकों को समय के साथ अपडेटेड तकनीक और शिक्षण विधियों की जानकारी देना।
- शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना।
- बच्चों की बुनियादी शिक्षा में सुधार लाना।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का संदेश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा:
“डीएलएड प्रशिक्षण शिक्षकों को बेहतर शिक्षण कौशल सिखाने के साथ-साथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए तैयार करता है। हर शिक्षक को इस प्रशिक्षण का लाभ उठाना चाहिए।”
प्रशिक्षण में शामिल विषय
डीएलएड कार्यक्रम में शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक और व्यवहारिक कौशल सिखाए जाते हैं:
- शिक्षण की आधुनिक विधियां
- बाल मनोविज्ञान और विकास
- प्रभावी संचार कौशल
- डिजिटल टूल्स का उपयोग
शिक्षकों को मिला प्रोत्साहन
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों से अपील की कि वे डीएलएड प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से भाग लें।
- शिक्षकों को यह प्रशिक्षण उनके कैरियर विकास के लिए लाभकारी होगा।
- इसका सीधा फायदा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के रूप में मिलेगा।
प्राथमिक शिक्षा में सुधार
डीएलएड प्रशिक्षण से शिक्षकों के शिक्षण कौशल में सुधार होगा, जिससे प्राथमिक शिक्षा मजबूत होगी।
- शिक्षकों को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।
- शिक्षण प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
- छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार होगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा डीएलएड प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने का कदम शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह प्रशिक्षण शिक्षकों को न केवल बेहतर बनाएगा बल्कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगा।