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डॉ. अरुण कुमार भगत को ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल आलोचना सम्मान’, सर्जनात्मक लेखन पर उनकी पुस्तक को मिली पहचान

साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद, भोपाल ने डॉ. अरुण कुमार भगत को कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए प्रतिष्ठित ‘अखिल भारतीय आचार्य रामचंद्र शुक्ल आलोचना सम्मान’ से सम्मानित करने की घोषणा की है। यह सम्मान उनकी पुस्तक ‘पत्रकारिता: सर्जनात्मक लेखन और रचना प्रक्रिया’ के लिए प्रदान किया गया है।

यह सम्मान न केवल उनकी साहित्यिक प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि सर्जनात्मक लेखन और रचना प्रक्रिया पर उनके गहन शोध और योगदान का भी सम्मान करता है।”


सम्मान का महत्व:

  • पुरस्कार राशि:
    डॉ. अरुण कुमार भगत को यह सम्मान एक लाख रुपये की राशि के साथ प्रदान किया जाएगा।
  • संयुक्त सम्मान:
    यह पुरस्कार उन्हें डॉ. करुणा शंकर उपाध्याय के साथ संयुक्त रूप से प्रदान किया जाएगा।
  • समारोह स्थल:
    यह प्रतिष्ठित सम्मान भोपाल में आयोजित होने वाले समारोह में प्रदान किया जाएगा।

पुस्तक का महत्व:

डॉ. भगत की पुस्तक ‘पत्रकारिता: सर्जनात्मक लेखन और रचना प्रक्रिया’ वर्ष 2022 में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गई थी। इस पुस्तक के अब तक दो संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं और यह कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बन चुकी है, जिनमें दिल्ली विश्वविद्यालय भी शामिल है।

डॉ. अरुण कुमार भगत का योगदान:

  • प्रकाशित पुस्तकें:
    डॉ. भगत अब तक 28 पुस्तकें लिख और संपादित कर चुके हैं।
  • शैक्षणिक भूमिका:
    वे महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी में मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष और अधिष्ठाता के रूप में कार्यरत रहे हैं।
  • अन्य भूमिकाएं:
    वर्तमान में वे बिहार लोक सेवा आयोग में महामहिम राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य के रूप में कार्यरत हैं।

सम्मान का महत्व:

‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल आलोचना सम्मान’ साहित्यिक क्षेत्र में उत्कृष्ट लेखन के लिए दिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। यह डॉ. अरुण कुमार भगत के योगदान और उनकी सर्जनात्मकता को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्रदान करता है।


डॉ. अरुण कुमार भगत का सम्मान भारतीय साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को दर्शाता है। उनकी पुस्तक ने सर्जनात्मक लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में नई दृष्टि दी है, जिससे न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियां भी प्रेरित होंगी।


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