अंबेडकर जयंती 2024: संविधान निर्माता को राष्ट्र की श्रद्धांजलि
“अंबेडकर जयंती 2024 के अवसर पर भारत के प्रमुख नेताओं ने संसद परिसर के प्रेरणा स्थल पर एकत्र होकर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में जन्मे बाबासाहेब न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे, बल्कि एक महान विधिवेत्ता, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ भी थे। उन्होंने भारत को एक समतामूलक समाज की दिशा में अग्रसर करने का मार्ग प्रशस्त किया।“
नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सहित कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। सभी ने अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और मौजूद बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। यह आयोजन डॉ. अंबेडकर के जीवन और उनके योगदान को स्मरण करने का प्रतीक बना।
डॉ. अंबेडकर की जीवनी और संघर्ष
डॉ. अंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की और कोलंबिया विश्वविद्यालय व लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने जातीय भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया और समानता, शिक्षा और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए आजीवन काम किया।
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का जीवन प्रेरणादायक है
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “बाबासाहेब ने अपने प्रेरणादायक जीवन में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करते हुए भी असाधारण उपलब्धियों से वैश्विक पहचान बनाई।” उन्होंने देशवासियों से अंबेडकर के सिद्धांतों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उनके सिद्धांत और आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को मजबूती और गति देने वाले हैं।” उन्होंने बाबासाहेब को सामाजिक न्याय और समानता का प्रतीक बताया।
अंबेडकर की विचारधारा आज भी प्रासंगिक
डॉ. अंबेडकर का मानना था कि शिक्षा ही वह माध्यम है जो समाज में बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा था कि सामाजिक समानता के बिना लोकतंत्र अधूरा है। आज भी उनके विचार न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रेरणा का स्रोत हैं।
कार्यक्रमों का आयोजन और जन भागीदारी
हर साल की तरह इस वर्ष भी देशभर में अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम, रैलियां और संगोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। युवा वर्ग विशेष रूप से अंबेडकर के विचारों को सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचा रहा है।
डॉ. अंबेडकर का जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम हर प्रकार के भेदभाव को मिटाकर एक समरस समाज का निर्माण करें। अंबेडकर जयंती 2024 के अवसर पर यही संकल्प लें कि हम उनके विचारों को आत्मसात कर एक समतामूलक और न्यायपूर्ण भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।