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अमित शाह जम्मू-कश्मीर दौरा: पुंछ में सुरक्षा और राहत कार्यों का जायजा

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर शुक्रवार को पुंछ पहुंचे। दौरे के पहले दिन उन्होंने पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और सिंह सभा गुरुद्वारा जाकर स्थानीय लोगों से मुलाकात की। इसके साथ ही उन्होंने डाक बंगला में गोलीबारी से पीड़ित लोगों के स्वजनों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे।

यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि यह ऐसे समय पर हो रहा है जब अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया जा रहा है और पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलाबारी की घटनाएं एक बार फिर चिंता का कारण बनी हुई हैं।

सीमा प्रभावितों को राहत और आश्वासन

पुंछ में डाक बंगला पर अमित शाह ने उन परिवारों से मुलाकात की जिनके सदस्य पाकिस्तान की गोलीबारी में मारे गए थे। उन्होंने संवेदना जताते हुए आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनके साथ है और उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रभावित परिवारों को सरकारी नौकरियों सहित अन्य राहत योजनाओं का लाभ जल्द मिलेगा।

बीएसएफ टैक्टिकल हेडक्वार्टर में जवानों से मुलाकात

गृह मंत्री ने पुंछ में बीएसएफ के टैक्टिकल मुख्यालय का भी दौरा किया। यहां उन्होंने सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से बातचीत की और उनका मनोबल बढ़ाया। जवानों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उनकी वीरता और सेवा को सलाम करती है।

उन्होंने जवानों को आश्वस्त किया कि उनके लिए बेहतर सुविधाएं और तकनीकी संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है ताकि सीमाओं की रक्षा और भी प्रभावी ढंग से की जा सके।

गृह मंत्री की बैठक: अमरनाथ यात्रा और घुसपैठ रोकने पर ज़ोर

जम्मू राजभवन में हुई एकीकृत सुरक्षा बैठक

गुरुवार देर शाम को अमित शाह जम्मू पहुंचे थे, जहां तकनीकी हवाई अड्डे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा सहित कई नेताओं ने उनका स्वागत किया।

इसके बाद शाह सीधे राजभवन गए, जहां उन्होंने उपराज्यपाल के साथ एकीकृत मुख्यालय की उच्चस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया।

अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने पर चर्चा

इस बैठक में अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे इंतज़ामों पर विशेष ज़ोर दिया गया।

बैठक में कहा गया कि यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों की व्यापक तैनाती की जाएगी, सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय को और मज़बूत किया जाएगा, और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक केंद्रीय प्रणाली तैयार की जाएगी।

घुसपैठ रोकने के लिए ठोस रणनीति

बैठक में गृहमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सीमा पार से होने वाली किसी भी घुसपैठ की कोशिश को पूरी तरह विफल किया जाना चाहिए।

इस उद्देश्य से सीमा पर निगरानी बढ़ाने, ड्रोन और नाइट विज़न उपकरणों की तैनाती तेज़ करने और स्थानीय स्तर पर खुफिया नेटवर्क को और मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया।

बैठक में शामिल अधिकारी और संस्थाएं

बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा कई उच्च अधिकारी शामिल हुए, जिनमें मुख्य सचिव अटल डुल्लू, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, बीएसएफ डीजी दलजीत चौधरी, सीआरपीएफ और अन्य खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल थे।

सुरक्षा और विकास साथ-साथ

गृह मंत्री का यह दौरा केवल सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने स्थानीय नागरिकों के साथ संवाद कर यह संदेश भी दिया कि सरकार केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि विकास और शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयासों में केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है और यहां के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए रोजगार और शिक्षा के नए अवसर भी दिए जाएंगे।

छोटे वाक्य और संक्रमण शब्दों का प्रयोग

इसके अलावा, इस लेख में प्रयास किया गया है कि वाक्य छोटे और सरल हों।
उदाहरण के लिए:

  • “गृहमंत्री शुक्रवार को पुंछ पहुंचे।”
  • “उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।”
  • “जवानों से बातचीत की।”

इन छोटे वाक्यों से लेख और अधिक पठनीय बनता है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का यह दौरा जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। पुंछ में प्रभावित परिवारों से मिलकर जहां उन्होंने संवेदना और भरोसा जताया, वहीं अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर ठोस योजना और सीमा पार से घुसपैठ रोकने की रणनीति के ज़रिए यह संदेश भी दिया कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।

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