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कोलकाता में विजय संकल्प सम्मेलन: अमित शाह का ममता सरकार पर तीखा प्रहार

रविवार को कोलकाता में आयोजित ‘विजय संकल्प कार्यकर्ता सम्मेलन’ के मंच से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि कभी ज्ञान, धर्म और स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाली बंगाल की धरती, आज भ्रष्टाचार, हिंसा, घुसपैठ और हिंदू विरोध का प्रतीक बन गई है। उन्होंने सीधे तौर पर ममता सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।

अमित शाह का आरोप: बंगाल बना ‘घुसपैठ और अत्याचार’ का केंद्र

बंगाल की ऐतिहासिक छवि बदलने का आरोप

अमित शाह ने कहा:

“यह वही भूमि है जहां वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने जन्म लिया था। यह भूमि देश का मार्गदर्शन करती रही है, लेकिन अब यह घुसपैठ, भ्रष्टाचार, बम धमाकों और हिंदुओं पर अत्याचार का केंद्र बन चुकी है।”

उन्होंने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार ने मतलब के लिए तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया है।

चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमलों का दावा

अमित शाह ने यह भी कहा कि बंगाल में चुनाव खत्म होने के बाद भी राजनीतिक हिंसा नहीं रुकती।

“जब तृणमूल चुनाव जीतती है, तब भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या होती है। देश के किसी अन्य राज्य में चुनाव के बाद ऐसी हिंसा नहीं होती।”

उन्होंने ममता बनर्जी को चुनौती दी:

“हिम्मत है तो बिना हिंसा के चुनाव कराकर दिखाइए, आपकी जमानत ज़ब्त हो जाएगी।”

ऑपरेशन सिंदूर का विरोध: महिलाओं की भावनाओं का अपमान बताया

राष्ट्रीय सुरक्षा पर बयानबाज़ी को लेकर सवाल

अमित शाह ने ममता बनर्जी द्वारा कथित रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर टिप्पणी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि:

“भारत की सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया। ममता बनर्जी को इससे तकलीफ क्यों है? यह ऑपरेशन भारत की बेटियों की सुरक्षा का प्रतीक है।”

उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां देश की महिलाओं की आस्था और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हैं।

सीमाओं की सुरक्षा पर भी सवाल, घुसपैठ का आरोप

बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्रित हमला

गृह मंत्री ने दावा किया कि ममता सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य में खुली छूट दी है। उन्होंने आरोप लगाया:

“ममता बनर्जी का ध्यान बंगाल की सीमा की सुरक्षा पर नहीं, बल्कि अपने भतीजे के राजनीतिक भविष्य पर है।”

उन्होंने कहा कि अगर राज्य की सीमाओं की सुरक्षा करनी है, तो भाजपा की सरकार ही एकमात्र विकल्प है।


CAA और हिंदू शरणार्थियों को लेकर बड़ा ऐलान

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का बचाव

अमित शाह ने कहा कि:

“जो हिंदू शरणार्थी भारत आए हैं, उन्हें वोट का अधिकार और नागरिकता देना हमारा दायित्व है। वे बस CAA के तहत आवेदन भरें, केंद्र सरकार उन्हें भारतीय नागरिकता देगी।”

उन्होंने ममता सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन शरणार्थियों को मतदाता सूची से हटाने के नोटिस भिजवा रही है।

पीएम मोदी का योगदान: विकास और संस्कृति की रक्षा

बंगाली भाषा को शास्त्रीय दर्जा दिलाने की उपलब्धि

अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बंगाली भाषा को शास्त्रीय दर्जा दिया गया है, जिसकी लंबे समय से मांग हो रही थी, परंतु ममता सरकार इस कार्य को पूर्ण नहीं कर पाई।

बंगाल की विरासत को संरक्षित करने की बात

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सिर्फ विकास नहीं, बल्कि बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजने में योगदान दे रहे हैं।

भ्रष्टाचार पर भी निशाना, नौकरी घोटाले का जिक्र

कोलकाता के बाजारों में बिक रही नौकरियाँ

अमित शाह ने आरोप लगाया कि:

“कलकत्ता के बाजार में युवाओं की नौकरियां बिकती हैं। TMC नेताओं के घर से इतनी नकदी मिलती है कि गिनती के लिए मशीनें भी थक जाएं।”

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए भाजपा का समर्थन करें।

हाल की हिंसा और BSF की भूमिका पर टिप्पणी

मुर्शिदाबाद हिंसा और BSF की मांग

उन्होंने कहा कि:

“गृह मंत्रालय ने बार-बार कहा कि BSF को बुला लें, लेकिन ममता सरकार ने इन्कार कर दिया। जब हाई कोर्ट के आदेश से BSF आई, तभी जाकर हिंदुओं की रक्षा संभव हुई।”

अमित शाह का ममता सरकार पर हमला न केवल राजनीतिक था, बल्कि उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा, सांस्कृतिक अस्मिता और नागरिक अधिकारों से जोड़ते हुए भावनात्मक और रणनीतिक मुद्दों पर केंद्रित किया।

भाजपा के अनुसार, 2026 का बंगाल चुनाव राज्य के भविष्य के साथ-साथ देश की सीमा सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करेगा। आने वाले समय में राज्य की राजनीति और तीखी हो सकती है।

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