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असम सरकार ने BVFCL की चौथी इकाई के निर्माण को दी मंजूरी, 1272 करोड़ रुपये होंगे खर्च


“असम सरकार ने ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BVFCL) की चौथी इकाई के निर्माण के लिए 1272 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। यह निर्णय राज्य में उर्वरक उत्पादन को बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

BVFCL की चौथी इकाई: क्या है योजना?
BVFCL की यह चौथी इकाई असम के औद्योगिक विकास को नई दिशा देगी। इसका उद्देश्य उर्वरक उत्पादन क्षमता को बढ़ाना और किसानों की जरूरतों को पूरा करना है।

मुख्य बिंदु:

  1. 1272 करोड़ रुपये का निवेश: परियोजना के लिए राज्य सरकार द्वारा बड़ा बजट मंजूर किया गया।
  2. उर्वरक उत्पादन में बढ़ोतरी: नई इकाई से उत्पादन क्षमता में भारी इजाफा होगा।
  3. स्थानीय रोजगार: इस परियोजना से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

किसानों के लिए लाभकारी कदम
BVFCL की चौथी इकाई का निर्माण राज्य के किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।

  1. उर्वरकों की आपूर्ति में सुधार: किसानों को अब उर्वरकों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
  2. कृषि उत्पादन में वृद्धि: उर्वरकों की समय पर उपलब्धता से कृषि उपज बढ़ेगी।
  3. कीमत में स्थिरता: स्थानीय उत्पादन से उर्वरकों की कीमत में स्थिरता आने की संभावना है।

असम के औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार
यह परियोजना असम के औद्योगिक विकास को गति देने के साथ-साथ आर्थिक सुधार में भी सहायक होगी।

  • राज्य की औद्योगिक आधारभूत संरचना मजबूत होगी।
  • परियोजना से राजस्व में वृद्धि होगी।
  • स्थानीय उद्यमियों को नए अवसर मिलेंगे।

सरकार का बयान
असम सरकार ने कहा:
“BVFCL की चौथी इकाई का निर्माण किसानों और राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह परियोजना रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।”


स्थानीय रोजगार के अवसर
इस परियोजना से असम में बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।

  1. निर्माण कार्यों में श्रमिकों की आवश्यकता।
  2. इकाई शुरू होने के बाद तकनीकी और गैर-तकनीकी पदों पर भर्तियां होंगी।
  3. कौशल विकास के लिए नए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।


BVFCL की चौथी इकाई के निर्माण के लिए असम सरकार का 1272 करोड़ रुपये का निवेश राज्य के किसानों और औद्योगिक विकास के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह परियोजना न केवल उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाएगी, बल्कि रोजगार और आर्थिक सुधार को भी गति देगी।

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