‘बालपन की कविता’ पहल: छोटे बच्चों के लिए भारतीय भाषाओं में कविताओं की प्रतियोगिता शुरू
“भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छोटे बच्चों के लिए कविताओं को भारतीय भाषाओं में पुनःस्थापित करने की एक अनूठी पहल शुरू की है, जिसका नाम है “बालपन की कविता पहल: छोटे बच्चों के लिए भारतीय कविताओं को पुनःस्थापित करना”।“
यह प्रतियोगिता 26 मार्च से 22 अप्रैल 2025 तक MyGov वेबसाइट पर आयोजित की जा रही है और इसमें 3 से 8 वर्ष तक के बच्चों को शामिल किया गया है।
क्या है ‘बालपन की कविता’ पहल?
यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है, जिसमें मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा को प्रोत्साहन देने की बात कही गई है। पहल का उद्देश्य है कि छोटे बच्चे अपनी मातृभाषा में सरल, रोचक और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक कविताओं के माध्यम से सीखने की मजबूत नींव बना सकें।
प्रतियोगिता की मुख्य विशेषताएं
- आरंभ तिथि: 26 मार्च 2025
- अंतिम तिथि: 22 अप्रैल 2025
- मंच: MyGov.in
- प्रवेश शुल्क: कोई नहीं (पूरी तरह निःशुल्क)
- भाषाएं: सभी भारतीय भाषाएं और अंग्रेज़ी
कौन कर सकता है भाग?
प्रतियोगिता को तीन आयु श्रेणियों में बांटा गया है:
- प्री-प्राइमरी (3-6 वर्ष)
- ग्रेड 1 (6-7 वर्ष)
- ग्रेड 2 (7-8 वर्ष)
इन सभी श्रेणियों में बच्चे, शिक्षक, माता-पिता, रचनाकार या कवि अपनी कविताएं भेज सकते हैं।
क्या भेजना है?
प्रतिभागी दो प्रकार की कविताएं भेज सकते हैं:
- पहले से प्रचलित लोक कविताएं (यदि ज्ञात हो तो लेखक का नाम बताएं)
- नई मौलिक कविताएं, जो सरल, रोचक और बच्चों के अनुभवों से जुड़ी हों
कविताएं इस प्रकार की होनी चाहिए:
- बच्चों की समझ के अनुसार सरल
- लयबद्ध और आनंददायक
- भारतीय संस्कृति और परिवेश को दर्शाने वाली
- शैक्षिक और नैतिक मूल्यों से युक्त
कविता का उद्देश्य क्या होना चाहिए?
- बच्चों को भाषा और शब्दों से परिचय कराना
- रचनात्मकता और कल्पनाशक्ति को बढ़ावा देना
- स्थानीय संस्कृति, रीति-रिवाज, प्रकृति और परिवार जैसे विषयों को दर्शाना
- सीखने को मनोरंजक बनाना
भाषाई विविधता को प्रोत्साहन
भारत में लगभग 22 आधिकारिक भाषाएं और सैकड़ों क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं। यह प्रतियोगिता इन भाषाओं की सांस्कृतिक विरासत और अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करने का एक जरिया है। बच्चे अपनी मातृभाषा में रचना कर सकते हैं — चाहे वह हिंदी, तमिल, मराठी, बंगाली, पंजाबी, उड़िया, कन्नड़, तेलुगु, असमिया या कोई और हो।
प्रतिभाग कैसे करें?
- MyGov.in पर जाएं
- “बालपन की कविता” प्रतियोगिता लिंक पर क्लिक करें
- अपना विवरण भरें (नाम, उम्र, कक्षा आदि)
- अपनी कविता PDF, Word या टेक्स्ट फॉर्मेट में अपलोड करें
- Submit पर क्लिक कर दें
आप वीडियो फॉर्मेट में भी कविता भेज सकते हैं यदि बच्चा उसे बोलकर प्रस्तुत करता है।
क्या मिलेगा विजेताओं को?
हालांकि विजेताओं को दिए जाने वाले पुरस्कारों की घोषणा अलग से की जाएगी, लेकिन ये संभावनाएं हैं:
- डिजिटल प्रमाणपत्र
- राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
- प्रकाशन का अवसर
- शैक्षिक मंचों पर प्रदर्शन का मौका
क्यों है यह प्रतियोगिता खास?
- यह बच्चों के लिए है, बच्चों की भाषा में है
- इसमें हर भारतीय भाषा को समान मान्यता दी गई है
- यह प्रतियोगिता बच्चों की रचनात्मक सोच को प्रेरित करती है
- मातृभाषा में शिक्षा को मजबूती देती है
- अभिभावक, शिक्षक और समाज को भी एकजुट करती है
सरकार का उद्देश्य क्या है?
शिक्षा मंत्रालय और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (DoSEL) का उद्देश्य है:
“बच्चों को उनके प्रारंभिक वर्षों में ऐसी कविताएं देना जो उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ें, भावनात्मक विकास करें और जीवन मूल्यों की नींव रखें।”
“बालपन की कविता” प्रतियोगिता एक रचनात्मक, समावेशी और बाल-केंद्रित पहल है, जो भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को उजागर करती है। अगर आपके पास कोई खूबसूरत कविता है या आपके बच्चे को कविता लिखना या सुनाना पसंद है, तो यह मंच आपके लिए है।
अब समय है अपने बाल कवियों को प्रोत्साहित करने का, उनकी कविताओं को राष्ट्र के मंच तक पहुंचाने का और मातृभाषा में शिक्षण के नए द्वार खोलने का।