NationalNews

बसंत पंचमी 2025: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं, जानें इस दिन का महत्व

बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के पावन अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। इस शुभ दिन को पूरे भारत में ज्ञान, शिक्षा और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,
👉 “बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं! शिक्षा और ज्ञान से जुड़े इस खुशी के अवसर और त्योहार पर मैं सभी देशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और बुद्धि की कामना करती हूं।”

उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि भारत दुनिया के ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए इस पर्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता पर जोर दिया।

📌 बसंत पंचमी का महत्व

🟡 ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती की पूजा
🔸 यह पर्व मां सरस्वती को समर्पित है, जो विद्या, बुद्धि, संगीत और कला की देवी मानी जाती हैं।
🔸 इस दिन विशेष रूप से विद्यार्थी, कलाकार और संगीत प्रेमी मां सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करते हैं।

🟡 वसंत ऋतु के आगमन की शुरुआत
🔸 बसंत पंचमी को वसंत ऋतु का शुभारंभ भी माना जाता है।
🔸 इस मौसम में सरसों के पीले फूलों से खेत लहलहा उठते हैं, जो इस पर्व का विशेष रंग भी होता है।

🟡 होली की तैयारियों की शुरुआत
🔸 बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है।
🔸 इस दिन से होलिका दहन और होली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।

📌 बसंत पंचमी पर विशेष परंपराएं

पीले रंग के कपड़े पहनना – पीला रंग ज्ञान, उन्नति और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
सरस्वती पूजा – स्कूल, कॉलेज और मंदिरों में मां सरस्वती की विशेष पूजा होती है।
विशेष व्यंजन – इस दिन केसर युक्त खिचड़ी, हलवा, पीले चावल और मीठे पकवान बनाए जाते हैं।
काव्य और संगीत समारोह – कला और संगीत को समर्पित इस दिन कई जगह काव्य गोष्ठी और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

📌 सरस्वती पूजा कैसे करें?

🔹 मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र को पीले वस्त्र से सजाएं।
🔹 संगीत वाद्ययंत्र, पुस्तकें और कागज को मां सरस्वती के चरणों में रखें।
🔹 मां सरस्वती को हल्दी, चंदन, सफेद और पीले फूल अर्पित करें।
🔹 मीठे पकवानों का भोग लगाएं और ज्ञान प्राप्ति की कामना करें।
🔹 बच्चों की विद्यारंभ संस्कार (पहली बार अक्षर लेखन) की परंपरा भी इस दिन निभाई जाती है।

बसंत पंचमी न केवल ज्ञान, शिक्षा और कला का पर्व है, बल्कि यह वसंत ऋतु के आगमन और खुशहाली का भी प्रतीक है। इस दिन मां सरस्वती की आराधना करके हम अपने जीवन में सकारात्मकता, बुद्धिमत्ता और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *