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भारत और मॉरीशस: साझेदारी का नया अध्याय

भारत और मॉरीशस के बीच संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए मॉरीशस पहुंचे, जहां उन्होंने अपने समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मॉरीशस और भारत के बीच साझेदारी को और अधिक प्रभावी बनाना था।

पीएम मोदी का भव्य स्वागत

मॉरीशस पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का मॉरीशस सरकार और वहां की जनता ने भव्य स्वागत किया। पीएम मोदी ने मॉरीशस की धरती पर कदम रखते ही आत्मीयता और अपनेपन का अनुभव किया और कहा कि मॉरीशस की यात्रा सिर्फ एक कूटनीतिक दौरा नहीं, बल्कि परिवार से मिलने जैसा अहसास कराती है। यह भारत और मॉरीशस के गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।

भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय सहयोग

इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान पीएम मोदी और पीएम नवीनचंद्र रामगुलाम ने द्विपक्षीय संबंधों पर गहन चर्चा की। उन्होंने वर्तमान में जारी सहयोग की समीक्षा की और भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने पर विचार किया।

प्रमुख क्षेत्र जहां भारत और मॉरीशस मिलकर काम कर रहे हैं:

  1. बुनियादी ढांचा विकास: भारत मॉरीशस में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति को बढ़ावा दे रही हैं।
  2. क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास: दोनों देशों के बीच शिक्षा, कौशल विकास और तकनीकी प्रशिक्षण में सहयोग बढ़ रहा है।
  3. सुरक्षा और समुद्री सहयोग: हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और मॉरीशस के बीच सुरक्षा सहयोग और समुद्री साझेदारी को भी मजबूत किया जा रहा है।
  4. स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन: कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने मॉरीशस को महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता दी थी।
  5. व्यापार और आर्थिक सहयोग: दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं तैयार की जा रही हैं।

मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस पर पीएम मोदी मुख्य अतिथि

पीएम मोदी को मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया, जिसे उन्होंने अपने लिए गौरव का विषय बताया। उन्होंने इस अवसर पर 140 करोड़ भारतीयों की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह निमंत्रण भारत-मॉरीशस के गहरे संबंधों का प्रतीक है।

ग्लोबल साउथ और SAGAR विजन

प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस की पिछली यात्रा के दौरान SAGAR (Security and Growth for All in the Region) विजन साझा किया था, जिसमें क्षेत्रीय विकास, सुरक्षा और साझा समृद्धि को केंद्र में रखा गया है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ (Global South) के देशों को एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए और भारत मॉरीशस के साथ इस संबंध में सहयोग करता रहेगा।

ग्लोबल साउथ के लिए भारत की प्रतिबद्धता:

  • भारत ने G20 प्रेसीडेंसी के दौरान ग्लोबल साउथ को प्राथमिकता दी और मॉरीशस को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।
  • मॉरीशस हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का करीबी समुद्री पड़ोसी और प्रमुख साझेदार है।
  • भारत और मॉरीशस का सहयोग साझा मूल्यों, विश्वास और समृद्ध भविष्य पर आधारित है।

भारत और मॉरीशस के बीच अटूट संबंध

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस का संबंध किसी सीमा में बंधा नहीं है। उन्होंने इस रिश्ते को परिवार जैसा बताया और कहा कि भविष्य में भी दोनों देश आपसी सहयोग से विकास और शांति के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक चुनौतीपूर्ण समय में, चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या महामारी, भारत ने मॉरीशस का हमेशा साथ दिया है

पीएम मोदी की यह यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर थी। इस दौरे ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत किया और नए आयाम दिए। दोनों देशों ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक रूप से एक-दूसरे के मजबूत सहयोगी बने रहेंगे। इस यात्रा से हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता, विकास और साझेदारी को और बढ़ावा मिलेगा

भारत और मॉरीशस का यह संबंध सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं बल्कि एक भावनात्मक और ऐतिहासिक रिश्ता है, जो आने वाले वर्षों में और मजबूत होता जाएगा।

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