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भारत में 5G सेवाओं का विस्तार: प्रगति और भविष्य की संभावनाएं

भारत में 5G सेवाओं का विस्तार तेजी से हो रहा है और यह देश के डिजिटल विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है। सरकार ने बुधवार को संसद को सूचित किया कि 776 जिलों में से 773 जिलों में 5G सेवाएं उपलब्ध हैं, जिसमें लक्षद्वीप जैसे दूरस्थ क्षेत्र भी शामिल हैं।

भारत में 5G नेटवर्क का मौजूदा परिदृश्य

संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में बताया कि 28 फरवरी 2024 तक, भारत में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपी) द्वारा 4.69 लाख 5G बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) स्थापित किए जा चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि देशभर में 5G सेवाओं का विस्तार तेज गति से हो रहा है।

5G सेवाओं के विस्तार में सरकार की पहल

5G सेवाओं को व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार और पहल की हैं। इनमें प्रमुख सुधार निम्नलिखित हैं:

1. स्पेक्ट्रम नीलामी और वित्तीय सुधार

  • 5G मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी।
  • एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) में सुधार।
  • बैंक गारंटी और ब्याज दरों में कटौती।
  • 2022 की नीलामी के बाद स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (SUC) हटाना।

2. दूरसंचार अवसंरचना में सुधार

  • स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाना।
  • राइट ऑफ वे (ROW) अनुमतियों को सुव्यवस्थित करना।
  • पीएम गतिशक्ति संचार पोर्टल का शुभारंभ।
  • छोटे सेल और टेलीकॉम लाइन के लिए स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोग की अनुमति।

इन सुधारों का उद्देश्य दूरसंचार सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और 5G सेवाओं को अधिक सुलभ बनाना है।

भारत में 5G की विकास दर और टेली-घनत्व

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के अनुसार, भारत की दूरसंचार इंडस्ट्री तेजी से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर रही है

मुख्य आंकड़े:

  • भारत में कुल 1,187 मिलियन टेलीकॉम ग्राहक हैं।
  • शहरी टेली-घनत्व 131.01% तक पहुंच चुका है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में टेली-घनत्व 58.31% है।

इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारत में 5G नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसे ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक विस्तार की आवश्यकता है।

5G नेटवर्क के विस्तार से संभावित लाभ

5G नेटवर्क का विस्तार केवल तेज इंटरनेट स्पीड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

1. औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्र में प्रभाव

  • स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमेशन में सुधार।
  • ई-कॉमर्स और डिजिटल सेवाओं की गति में वृद्धि।
  • 5G के माध्यम से अधिक सुरक्षित और तेज कनेक्टिविटी।

2. हेल्थकेयर और शिक्षा में योगदान

  • रिमोट मेडिकल कंसल्टेशन और सर्जरी में नई संभावनाएं।
  • ऑनलाइन लर्निंग और डिजिटल क्लासरूम को बेहतर बनाना।

3. स्मार्ट सिटी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)

  • स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और कनेक्टेड व्हीकल्स।
  • होम ऑटोमेशन और IoT डिवाइसेस का व्यापक उपयोग।

भविष्य की चुनौतियां और समाधान

हालांकि 5G का विस्तार तेज गति से हो रहा है, लेकिन इसके समक्ष कुछ चुनौतियां भी हैं।

मुख्य चुनौतियां:

  1. ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क विस्तार: अभी भी कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में 5G नेटवर्क की पहुंच सीमित है।
  2. उच्च निवेश लागत: 5G इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने में भारी निवेश की जरूरत होती है।
  3. डेटा सिक्योरिटी और साइबर सुरक्षा: 5G नेटवर्क से जुड़े साइबर खतरे एक बड़ी चुनौती हैं।

संभावित समाधान:

  • निजी और सार्वजनिक भागीदारी (PPP) के माध्यम से 5G बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में 5G सेवाओं के विस्तार के लिए सरकारी योजनाएं लागू करना।
  • डेटा सुरक्षा कानूनों को मजबूत करना और साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाना।

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