भारत बना रेलवे उपकरणों का प्रमुख निर्यातक, पीएम मोदी ने दाहोद में की घोषणा
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के दाहोद में एक अहम कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि भारत अब रेलवे उपकरणों के एक प्रमुख वैश्विक निर्यातक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने बताया कि देश ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच, इंग्लैंड, सऊदी अरब और फ्रांस को ट्रेन कोच निर्यात कर रहा है, जबकि मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी और इटली जैसे देश भारत से रेलवे संबंधित पुर्जों का आयात कर रहे हैं।“
मेड इन इंडिया इंजनों की वैश्विक मांग
पीएम मोदी ने कहा कि मोजाम्बिक और श्रीलंका जैसे देशों में भारतीय यात्री डिब्बों का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई अन्य देशों में भी भारत में बने रेल इंजन निर्यात किए जा रहे हैं। यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत राष्ट्रीय गौरव और उत्पादन क्षमताओं में वृद्धि को दर्शाती है।
मजबूत रेलवे नेटवर्क का महत्त्व
प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि मजबूत रेलवे नेटवर्क केवल परिवहन सुविधा नहीं बढ़ाता, बल्कि यह कृषि और औद्योगिक विकास को भी गति देता है। उन्होंने बताया कि बीते एक दशक में भारत के कई ऐसे क्षेत्रों को रेलवे से जोड़ा गया है जहां पहले यह सुविधा नहीं थी। गुजरात के कई क्षेत्रों में अब नैरो-गेज ट्रेनों के स्थान पर उच्च गति की ट्रेनें चल रही हैं।
दाहोद में बहुआयामी विकास कार्यों की सौगात
पीएम मोदी ने रिमोट के माध्यम से रेलवे, जल आपूर्ति, सड़क एवं भवन, शहरी विकास एवं गृह निर्माण विभागों के 24,000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में लोकोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग शॉप, रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप और रेलवे लाइन का विद्युतीकरण शामिल है।
9000 HP लोकोमोटिव इंजन का समर्पण
दाहोद में प्रधानमंत्री मोदी ने 9000 हॉर्स पावर के पहले लोकोमोटिव इंजन को देश को समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने आणंद-गोधरा, मेहसाणा-पालनपुर और राजकोट-हडमतिया जैसे महत्वपूर्ण रेलवे मार्गों के दोहरीकरण तथा अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।
स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
पीएम मोदी ने बताया कि आने वाले वर्षों में सैकड़ों उच्च शक्ति वाले इंजन दाहोद की फैक्ट्री में बनाए जाएंगे। इससे न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल छोटे और मझोले उद्योगों को भी प्रोत्साहन देगी जो रेलवे के पुर्जों का निर्माण करते हैं।
दाहोद फैक्ट्री से जुड़े होंगे कई लाभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि फैक्ट्री का लाभ केवल रेलवे क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह किसानों, पशुपालकों, दुकानदारों और श्रमिकों तक पहुंचेगा। उन्होंने इसे समग्र आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक अहम कदम बताया।
भारत का रेलवे उपकरणों के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ना न केवल देश की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह मेक इन इंडिया विजन को भी मजबूती देता है। दाहोद में रेल फैक्ट्री और नई परियोजनाएं आने वाले वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था और युवाओं के रोजगार को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।