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भारत में वेयरहाउसिंग सेक्टर 2024: नई ऊंचाइयों की ओर

भारत में वेयरहाउसिंग सेक्टर 2024 में एक नई गति से आगे बढ़ रहा है। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस साल भारत के आठ प्रमुख बाजारों में वेयरहाउसिंग ट्रांजेक्शन वॉल्यूम 56.4 मिलियन स्क्वायर फीट तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा 2023 की तुलना में 12% अधिक है, जब कुल ट्रांजेक्शन 50.3 मिलियन स्क्वायर फीट था। यह तेजी दर्शाती है कि भारत में लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग लगातार बढ़ रही है।

वेयरहाउसिंग सेक्टर में किराए में वृद्धि

रिपोर्ट में कहा गया कि वेयरहाउसिंग मार्केट में 233 मिलियन स्क्वायर फीट की अतिरिक्त बिल्डिंग क्षमता मौजूद है, जो 2024 के कुल ट्रांजेक्शन वॉल्यूम की तुलना में चार गुना अधिक है। इस क्षमता से भविष्य की मांग को सुचारू रूप से पूरा किया जा सकता है।

किराए में वृद्धि के कारण:

  1. खाली स्थानों की संख्या में गिरावट: 2024 में खाली वेयरहाउसिंग स्पेस 11.5% दर्ज की गई, जिससे किराए में सीमित वृद्धि हुई।
  2. बढ़ती मांग: लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से बढ़ती मांग ने वेयरहाउस किराए को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
  3. शहरों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा: प्रमुख शहरों में वेयरहाउसिंग सुविधाओं की मांग बढ़ने से औसत किराए में वृद्धि देखी गई।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की भूमिका

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भारत में वेयरहाउसिंग की बढ़ती मांग के प्रमुख कारकों में से एक रहा। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में कुल वेयरहाउसिंग मांग में इस सेक्टर की हिस्सेदारी 39% थी। इसका मुख्य कारण भारत में मेक इन इंडिया जैसी सरकारी योजनाओं और विदेशी निवेशकों का बढ़ता रुझान है।

वेयरहाउसिंग सेक्टर में प्रमुख शहरों की स्थिति:

  • मुंबई: 10.3 मिलियन स्क्वायर फीट ट्रांजेक्शन वॉल्यूम के साथ भारत का सबसे बड़ा वेयरहाउसिंग बाजार बना। यहाँ थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3PL) सेक्टर की हिस्सेदारी 43% रही।
  • दिल्ली-एनसीआर: 16% हिस्सेदारी के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा वेयरहाउसिंग बाजार बना।
  • बेंगलुरु, कोलकाता, अहमदाबाद और चेन्नई: इन शहरों में ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में 25-29% की वृद्धि दर्ज की गई।

निवेश में मजबूत वृद्धि

वेयरहाउसिंग सेक्टर में निवेश 2024 में जबरदस्त तरीके से बढ़ा। रिपोर्ट के अनुसार:

  • प्राइवेट इक्विटी (PE) निवेश 1,877 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया
  • 2023 में यह आंकड़ा मात्र 684 मिलियन अमेरिकी डॉलर था
  • 2024 में वेयरहाउसिंग सेक्टर में निवेश 136% की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा।

निवेश बढ़ने के पीछे कारण:

  1. विदेशी निवेशकों की रुचि: भारत का वेयरहाउसिंग मार्केट अब वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
  2. ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर का विकास: ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल व्यापार के कारण वेयरहाउसिंग की जरूरतें तेजी से बढ़ी हैं।
  3. सरकारी नीतियां और सुधार: भारत सरकार ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर के विकास के लिए नई नीतियां लागू की हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां

आने वाले वर्षों में वृद्धि के संकेत:

  • अगले 5 वर्षों में वेयरहाउसिंग मार्केट में 20-25% की और वृद्धि होने की संभावना है।
  • मेट्रो शहरों के अलावा टियर-2 और टियर-3 शहरों में वेयरहाउसिंग हब विकसित होने की उम्मीद है।
  • ई-कॉमर्स कंपनियों की मांग में बढ़ोतरी से लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भारी निवेश देखने को मिल सकता है।

मुख्य चुनौतियां:

  1. बढ़ती लागत: भूमि, निर्माण और परिचालन लागत में वृद्धि वेयरहाउसिंग सेक्टर के लिए चुनौती बन सकती है।
  2. इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत: सड़क और परिवहन सुविधाओं में सुधार से लॉजिस्टिक्स सेक्टर को और गति मिलेगी।
  3. नीतिगत स्पष्टता की आवश्यकता: भूमि अधिग्रहण और किराए से संबंधित नियमों में स्पष्टता से निवेशकों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।

भारत का वेयरहाउसिंग सेक्टर 2024 में शानदार वृद्धि दर्ज कर रहा है। निवेश में 136% की वृद्धि, ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में 12% की वृद्धि, और मैन्युफैक्चरिंग एवं ई-कॉमर्स सेक्टर से बढ़ती मांग इस क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा कर रही है। मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और अहमदाबाद जैसे शहर इस बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं।

सरकार की नई नीतियां, विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि, और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार से आने वाले वर्षों में यह सेक्टर और भी मजबूत होगा। वेयरहाउसिंग सेक्टर में नई संभावनाओं को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि यह भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा

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