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भूकंप के झटकों से कांपे मेरठ और मणिपुर: जानिए भूकंप के पीछे की वैज्ञानिक वजहें

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में रविवार सुबह 8:44 बजे हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारतीय भूवैज्ञानिकों के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई। भले ही तीव्रता कम थी, लेकिन लोगों ने कंपन को स्पष्ट रूप से महसूस किया।

इससे कुछ दिन पहले ही, पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर राज्य में भी दो बार भूकंप आया था। 28 मई को मणिपुर के चुराचांदपुर और नोनी जिलों में दो झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता क्रमशः 5.2 और 2.5 थी।

भूकंप का वैज्ञानिक कारण क्या है?

भूकंप पृथ्वी के नीचे टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचलों के कारण आता है। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो पृथ्वी की सतह पर ऊर्जा का विस्फोट होता है। यही ऊर्जा झटके के रूप में महसूस होती है।

प्लेट्स की यह हलचल एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन कभी-कभी यह जानमाल की भारी क्षति का कारण भी बन सकती है। इसीलिए, भूकंप चाहे छोटा हो या बड़ा, इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

मेरठ भूकंप: केंद्र और प्रभाव

  • तिथि: 1 जून 2025
  • समय: सुबह 8:44 बजे
  • रिक्टर स्केल तीव्रता: 2.7
  • गहराई: 5 किलोमीटर
  • स्थान: मेरठ और आसपास का क्षेत्र
  • क्षति: अब तक कोई जानमाल का नुकसान दर्ज नहीं

हालांकि भूकंप की तीव्रता हल्की थी, लेकिन मेरठ और इसके आसपास रहने वाले लोगों ने इसका कंपन साफ महसूस किया। कुछ स्थानों पर लोग घरों से बाहर निकल आए, हालांकि किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति नहीं बनी।

मणिपुर में भूकंप के दो झटके

28 मई 2025 को मणिपुर में दो बार धरती हिली। पहला झटका तड़के 1:54 बजे आया जिसकी तीव्रता 5.2 थी और केंद्र चुराचांदपुर जिले में था। वहीं दूसरा झटका 2:26 बजे नोनी जिले में आया जिसकी तीव्रता 2.5 मापी गई।

  • पहला झटका:
    • स्थान: चुराचांदपुर, मणिपुर
    • तीव्रता: 5.2
    • गहराई: 40 किलोमीटर
  • दूसरा झटका:
    • स्थान: नोनी, मणिपुर
    • तीव्रता: 2.5
    • गहराई: 25 किलोमीटर

हालांकि दोनों ही घटनाओं में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लगातार दो झटकों से लोग दहशत में आ गए थे।

मणिपुर और नागालैंड सीमा क्षेत्र में भी भूकंप

मणिपुर में हाल ही में भूकंप की यह पहली घटना नहीं थी। 4 अक्टूबर 2024 को भी मणिपुर और नागालैंड की सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस समय रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6 मापी गई थी।

पूर्वोत्तर भारत भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है, जहाँ अक्सर हल्के से मध्यम दर्जे के झटके महसूस किए जाते हैं।

जानिए भूकंप के समय क्या करें और क्या नहीं

भूकंप के समय कुछ आवश्यक सावधानियाँ अपनाकर जान और माल की सुरक्षा की जा सकती है:

  • मजबूत टेबल या बेड के नीचे छिप जाएं
  • सिर और गर्दन को हाथों से ढंकें
  • दीवार के कोने में बैठें जहाँ गिरने का खतरा कम हो
  • यदि बाहर हैं, तो खुले स्थान पर चले जाएं

क्या न करें:

  • लिफ्ट का प्रयोग न करें
  • खिड़कियों और शीशों के पास न खड़े हों
  • भारी वस्तुओं के नीचे खड़े न हों

भारत की भूगर्भीय स्थिति को देखते हुए, देश के कई हिस्से भूकंप संभावित क्षेत्र में आते हैं। इसमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर राज्य, दिल्ली और नेपाल सीमा के निकटवर्ती क्षेत्र शामिल हैं। मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश भी ऐसे ही क्षेत्रों में शामिल हैं जहाँ हल्के झटके समय-समय पर महसूस किए जाते हैं।

तकनीकी निगरानी: भूकंप को ट्रैक कैसे किया जाता है?

भारत में भूकंप की निगरानी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) द्वारा की जाती है। यह संस्था देशभर में लगे अत्याधुनिक सिस्मोग्राफ के ज़रिए किसी भी प्रकार की भूगर्भीय हलचल को ट्रैक करती है।

इसकी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर तत्काल भूकंप से जुड़ी जानकारी उपलब्ध होती है। आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी आपात स्थितियों में अफवाहों से बचें और केवल सरकारी सूचना पर ही भरोसा करें।

मेरठ और मणिपुर में हाल ही में आए भूकंप ने यह दिखा दिया कि प्राकृतिक आपदाएँ कभी भी और कहीं भी आ सकती हैं। हालांकि इस बार कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सतर्कता और सही जानकारी हमेशा जीवन बचाने में मदद करती है।

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