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बिहार के सीमांचल में समय से पहले पहुंचा मानसून, अगले सात दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी

भारत में मानसून आमतौर पर जून के पहले सप्ताह में केरल से प्रवेश करता है और धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ता है। लेकिन इस बार मानसून ने अपेक्षा से पहले बिहार में प्रवेश कर लिया है। मौसम विभाग के अनुसार, इसका असर सीमांचल क्षेत्र में सबसे पहले देखा जा रहा है।

बिहार के पूर्णिया मौसम केंद्र ने बताया कि मानसून के पहले प्रभाव के तहत पूर्णिया, अररिया, किशनगंज जैसे जिलों में आने वाले सात दिनों तक भारी बारिश और वज्रपात की संभावना है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान: सीमांचल में अगले कुछ घंटों में मानसून की पूरी एंट्री

पूर्णिया मौसम विभाग के वैज्ञानिक वीरेंद्र कुमार झा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र और पश्चिमी विक्षोभ के कारण मानसून की रफ्तार इस बार बहुत तेज़ रही।

मानसून की तेज़ी का वैज्ञानिक कारण

  • बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव
  • पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के पास सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ
  • नेपाल में हो रही भारी बारिश

इन सभी कारणों से मानसून का प्रभाव बिहार में जल्द महसूस होने लगा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले घंटों में यह पूर्ण रूप से सीमांचल क्षेत्र में सक्रिय हो जाएगा।

सीमांचल में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी

मौसम विभाग ने कहा है कि हवा की गति 30–50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसके साथ ही भारी बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।

किन जिलों में है सबसे ज्यादा खतरा?

  • पूर्णिया
  • अररिया
  • किशनगंज
  • कटिहार

इन जिलों के लिए रेड अलर्ट या ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जिला प्रशासन को संभावित बाढ़, जलजमाव और बिजली गिरने से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

नेपाल में बारिश से सीमांचल की नदियों में बढ़ रहा जलस्तर

नेपाल में लगातार हो रही बारिश का असर सीमांचल की प्रमुख नदियों पर पड़ रहा है। कई नदियों में जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है, जिससे संभावित बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

प्रशासन ने शुरू की तैयारी

बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग और सीमांचल के जिलों के प्रशासन ने संभावित बाढ़ को लेकर तैयारियाँ शुरू कर दी हैं:

  • राहत केंद्रों की स्थापना
  • नावों की व्यवस्था
  • खाद्यान्न और जरूरी दवाइयों का भंडारण
  • 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय

मानसून का अगला लक्ष्य: उत्तर बिहार और मिथिलांचल

चूंकि मानसून की गति अब तेज़ हो चुकी है, इसलिए आने वाले कुछ दिनों में यह उत्तर बिहार, मिथिलांचल और मगध क्षेत्र में भी सक्रिय हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार मानसून तीन महीने तक अच्छी वर्षा देने वाला है।

क्या होगी खेती पर असर?

कृषि के लिए राहतभरी खबर

  • समय से पहले बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है
  • धान और मक्का जैसी खरीफ फसलों की बुवाई जल्दी शुरू हो सकेगी
  • जलस्रोतों की भरपाई से सिंचाई की जरूरत कम होगी

हालांकि भारी बारिश के कारण जलजमाव और मृदा कटाव की आशंका भी बनी हुई है।

लोगों के लिए सावधानी बरतने की सलाह

मौसम विभाग और जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को लेकर सतर्क रहें और निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:

  • बिजली चमकते समय खुले स्थान या पेड़ों के नीचे न रहें
  • जलजमाव वाले इलाकों से दूर रहें
  • जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें
  • प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें

बिहार में समय से पहले मानसून का आगमन राज्य के लिए अवसर भी है और चुनौती भी। एक ओर यह किसानों के लिए कृषि उत्पादन में वृद्धि का संकेत है, वहीं दूसरी ओर सीमांचल में बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने की आवश्यकता भी है।

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