बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भारत की सक्रिय भूमिका, नेपाल और बांग्लादेश से रिश्ते और सुरक्षा पर चर्चा
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की क्षेत्रीय नीति को मजबूती देते हुए नेपाल और बांग्लादेश के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं।
इन वार्ताओं में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन भारत की भूमिका विशेष रूप से उभरकर सामने आई, जहां भारत ने सहयोग, संपर्क, सुरक्षा और समावेशी विकास पर चर्चा को आगे बढ़ाया।“
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से द्विपक्षीय चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी की पहली अहम बैठक नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ हुई।
इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और आगे के रोडमैप पर चर्चा की।
चर्चा के प्रमुख बिंदु:
- भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना
- ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की समीक्षा
- द्विपक्षीय व्यापार की प्रगति पर संतोष
- ऐतिहासिक-सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि,
“नेपाल भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का एक अहम हिस्सा है और दोनों देशों के बीच सहयोग भविष्य में और भी सशक्त होगा।”
पीएम मोदी और ओली की बातचीत में सहयोग के नए आयाम
भारत और नेपाल के बीच संबंधों को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जोड़ते हुए पीएम मोदी ने ‘संपर्क’ और ‘साझा विकास’ को केंद्र में रखते हुए बातें रखीं।
दोनों देशों के बीच जलविद्युत परियोजनाओं, सीमा पर आधारभूत संरचना और पारगमन व्यवस्था को सरल बनाने जैसे मुद्दे भी चर्चा में शामिल रहे।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से पहली मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी अहम मुलाकात बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से हुई।
यह बैठक इसलिए भी खास रही क्योंकि यह शेख हसीना सरकार के पतन के बाद भारत और बांग्लादेश के शीर्ष नेतृत्व के बीच पहली औपचारिक चर्चा थी।
बातचीत में उठाए गए मुख्य विषय:
- हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
- लोकतंत्र और स्थायित्व को मजबूत करने पर जोर
- आपसी विवादों को रचनात्मक संवाद से सुलझाने की प्रतिबद्धता
- विकास और सहयोग की निरंतरता बनाए रखने पर सहमति
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि,
“भारत, बांग्लादेश में लोकतांत्रिक व्यवस्था, सामाजिक समरसता और समावेशी विकास का समर्थन करता है।”
अल्पसंख्यक सुरक्षा का मुद्दा: भारत की स्पष्ट भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने यूनुस से बातचीत के दौरान बांग्लादेश में हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा गंभीरता से उठाया।
भारत ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति के लिए सभी समुदायों की सुरक्षा और समान अधिकार सुनिश्चित होना अनिवार्य है।
बिम्सटेक शिखर सम्मेलन: क्षेत्रीय सहयोग का नया मंच
बिम्सटेक (BIMSTEC) यानी Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation
इस संगठन में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं।
इस वर्ष के सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्य:
- अंतर-देशीय संपर्क (Connectivity) को बढ़ाना
- सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना
- साझा आर्थिक प्रगति को गति देना
- डिजिटल सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना
भारत ने सम्मेलन में साइबर सुरक्षा, सतत ऊर्जा, और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए साझेदारी का प्रस्ताव रखा।
भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का प्रभाव
प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकातों ने यह स्पष्ट किया कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ (Neighbourhood First) नीति के तहत अपने समीपवर्ती देशों से राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को सशक्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
- नेपाल के साथ साझा जल संसाधनों, धार्मिक पर्यटन और ऊर्जा ट्रांजिट पर सहयोग
- बांग्लादेश के साथ सीमा प्रबंधन, ट्रांसपोर्ट लिंक और नागरिक समाज के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करना
डिजिटल और भौतिक संपर्क की दिशा में कदम
PM मोदी ने इस मंच से डिजिटल कनेक्टिविटी को भविष्य के लिए सबसे बड़ा उपकरण बताया।
भारत की ओर से प्रस्तावित योजनाएं:
- डिजिटल पेमेंट इंटरफेस का विस्तार
- ई-गवर्नेंस सहयोग
- क्लाउड स्टोरेज और डेटा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म
भौतिक संपर्क में भारत ने:
- रेल और सड़क संपर्क को बेहतर बनाने
- सीमा व्यापार को सरल बनाने
- मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का समर्थन किया।
क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत की भागीदारी
बिम्सटेक शिखर सम्मेलन भारत की सुरक्षा रणनीति को भी दर्शाता है।
भारत ने आतंकवाद, मानव तस्करी, ड्रग्स तस्करी, और साइबर अपराध से लड़ने के लिए साझा तंत्र विकसित करने का आह्वान किया।
आर्थिक साझेदारी को मिलेगी नई दिशा
भारत ने प्रस्ताव दिया कि बिम्सटेक देशों के बीच:
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA)
- साझा निवेश मंच
- MSME सहयोग योजना
को जल्द लागू किया जाए। इससे क्षेत्रीय व्यापार में वृद्धि और आर्थिक विकास को बल मिलेगा।