भारत में ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या 944 मिलियन पार, ट्राई की नई रिपोर्ट में खुलासा
"TRAI की फरवरी 2025 की रिपोर्ट भारत की डिजिटल क्रांति को रेखांकित करती है।
भारत में ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या 944 मिलियन को पार करना न केवल एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत तकनीक और संचार के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो रहा है।"
भारत में ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या 944 मिलियन पहुंची: ट्राई की फरवरी 2025 रिपोर्ट
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने गुरुवार को जारी अपनी मासिक रिपोर्ट में बताया कि देश में ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। फरवरी 2025 के अंत तक यह आंकड़ा 944.04 मिलियन (94.4 करोड़) तक पहुंच गया, जो भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से विकास को दर्शाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, ये आंकड़े देशभर के 1,189 दूरसंचार ऑपरेटर्स से एकत्र की गई जानकारी पर आधारित हैं। आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में और क्या अहम जानकारियां दी गई हैं।
भारत में ब्रॉडबैंड यूजर्स में तेजी क्यों?
भारत में ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह है:
इंटरनेट की पहुंच ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों तक होना
किफायती डेटा प्लान्स
मोबाइल इंटरनेट की लोकप्रियता
डिजिटल शिक्षा, वर्क फ्रॉम होम और ओटीटी प्लेटफॉर्म का बढ़ता उपयोग
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) में भी तेजी
TRAI की रिपोर्ट बताती है कि फरवरी 2025 में 12.06 मिलियन मोबाइल यूजर्स ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के लिए आवेदन किया।
जनवरी के अंत में MNP आवेदनों की कुल संख्या 1,093.33 मिलियन थी, जो फरवरी में बढ़कर 1,105.39 मिलियन हो गई।
इससे यह भी संकेत मिलता है कि यूजर्स अब बेहतर नेटवर्क सेवाओं की तलाश में हैं और अपनी सुविधा के अनुसार ऑपरेटर बदलने में पीछे नहीं हैं।
टेलीफोन यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी
जनवरी 2025 में भारत में कुल टेलीफोन यूजर्स की संख्या 1,192.03 मिलियन थी।
फरवरी में यह बढ़कर 1,197.23 मिलियन हो गई, यानी 0.42 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई।
शहरी बनाम ग्रामीण टेलीफोन यूजर्स
क्षेत्र | जनवरी 2025 | फरवरी 2025 |
---|---|---|
शहरी | 663.83 मिलियन | 667.93 मिलियन |
ग्रामीण | 528.20 मिलियन | 529.31 मिलियन |
इससे स्पष्ट है कि शहरी क्षेत्र में डिजिटल कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
📊 टेली-घनत्व में हुआ इजाफा
टेली-घनत्व (Teledensity) वह आंकड़ा है जो प्रति 100 व्यक्तियों पर कितने फोन कनेक्शन हैं, यह बताता है।
क्षेत्र | जनवरी | फरवरी |
---|---|---|
कुल टेली-घनत्व | 84.54% | 84.85% |
शहरी | 131.40% | 132.01% |
ग्रामीण | 58.38% | 58.48% |
शहरी क्षेत्रों में टेली-घनत्व 100% से ऊपर होना इस बात का संकेत है कि बहुत से लोग एक से ज्यादा कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
निजी और सरकारी टेलीकॉम कंपनियों की हिस्सेदारी
भारत के वायरलेस टेलीफोन सेगमेंट में अभी भी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों का वर्चस्व बना हुआ है।
निजी कंपनियों की हिस्सेदारी: 92.03%
सरकारी कंपनियों (BSNL, MTNL): 7.97%
इससे पता चलता है कि यूजर्स तेज और सस्ती सेवाएं देने वाली निजी कंपनियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
M2M मोबाइल कनेक्शन में भी उछाल
Machine-to-Machine (M2M) मोबाइल कनेक्शन की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है।
जनवरी में यह संख्या 63.09 मिलियन थी, जो फरवरी में बढ़कर 64.71 मिलियन हो गई।
एयरटेल के पास सबसे अधिक M2M कनेक्शन हैं — 33.86 मिलियन, यानी 52.33% की हिस्सेदारी
दूसरे स्थान पर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड है
इसका सीधा संबंध इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), स्मार्ट डिवाइस और ऑटोमेशन से है, जो अब उद्योगों और घरों में तेज़ी से अपनाए जा रहे हैं।
डिजिटल इंडिया की ओर भारत की प्रगति
इस रिपोर्ट के आंकड़े डिजिटल इंडिया मिशन के उद्देश्यों की पुष्टि करते हैं। तेजी से बढ़ती इंटरनेट पहुंच, मोबाइल कनेक्शन और ब्रॉडबैंड यूजर्स यह दिखाते हैं कि भारत दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल बाजारों में से एक बनता जा रहा है।
आगे की संभावनाएं
5G नेटवर्क का विस्तार इस वृद्धि को और तेज़ कर सकता है
ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाएं
फाइबर-टू-होम (FTTH) सेवाओं की बढ़ती मांग
IoT और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स को मजबूती मिलेगी