केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: जनगणना 2025 में होगी जाति गणना, गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी और पूर्वोत्तर के लिए नया राजमार्ग
“सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि जनगणना संविधान के तहत संघ का विषय है और केंद्र सरकार इसके संचालन की जिम्मेदारी निभाती है। इसके बावजूद, कई राज्यों ने स्वतंत्र रूप से जाति आधारित सर्वेक्षण भी किए हैं।“
कुछ राज्यों ने इस कार्य को प्रभावी और वैज्ञानिक ढंग से किया, वहीं कुछ राज्यों में इसे राजनीतिक स्वार्थ से जोड़ा गया। अब केंद्र सरकार की निगरानी में यह प्रक्रिया राष्ट्रीय स्तर पर होगी।
जातिगत डेटा क्यों है ज़रूरी?
जातिगत आंकड़े सरकार को नीतियों के निर्धारण, सामाजिक योजनाओं के लक्षित क्रियान्वयन, और वंचित वर्गों की पहचान में मदद करेंगे। साथ ही यह जानकारी सामाजिक विषमताओं को कम करने और वास्तविक सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने का आधार बन सकती है।
पूर्वोत्तर भारत को मिलेगा नया राजमार्ग, क्षेत्रीय विकास को गति
शिलांग से सिलचर तक नया राष्ट्रीय राजमार्ग
सरकार ने 22,864 करोड़ रुपये की लागत से शिलांग से सिलचर तक एक नए राजमार्ग के निर्माण को भी मंजूरी दी है। यह 166 किलोमीटर से अधिक लंबा होगा और इसके जरिए:
- त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम की बराक घाटी को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी
- पर्यटन, व्यापार और यातायात में बढ़ोतरी होगी
- पूर्वोत्तर क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा
सड़क संपर्क से बढ़ेगा क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता
इस राजमार्ग से आवागमन सरल होगा और वहां के नागरिकों को आर्थिक अवसरों तक बेहतर पहुंच मिलेगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापारिक गतिविधियों में भी सुधार होगा।
गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: गन्ने का मूल्य बढ़ा
गन्ना मूल्य बढ़ाकर ₹355 प्रति क्विंटल किया गया
कैबिनेट ने चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) बढ़ाकर ₹355 प्रति क्विंटल कर दिया है। यह मूल्य:
- 10% रिकवरी दर के आधार पर तय किया गया है
- इससे 5 करोड़ गन्ना किसानों को लाभ होगा
- चीनी मिलों और उनसे जुड़े 5 लाख श्रमिकों को भी राहत मिलेगी
गन्ना उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
इस निर्णय से कृषि क्षेत्र में संतुलन और किसानों की आमदनी में इज़ाफा होगा। साथ ही यह चीनी उद्योग को भी स्थायित्व प्रदान करेगा।
सरकार की नीतियां: सामाजिक न्याय और विकास को साथ लेकर
केंद्र सरकार के ये फैसले यह दर्शाते हैं कि विकास और सामाजिक समानता को एक साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। एक ओर जाति आधारित जनगणना से सामाजिक योजना निर्माण को बल मिलेगा, वहीं दूसरी ओर सड़क और कृषि जैसे बुनियादी क्षेत्रों में निवेश से विकास की रफ्तार तेज होगी।